सोवाबाजार में शहरी धरोहर संरक्षण की नई पहल

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कोलकाता: कोलकाता में कलकत्ता हेरिटेज कलेक्टिव (सीएचसी) और अहमदाबाद के सीईपीटी विश्वविद्यालय ने सोवाबाजार अर्बन कन्जर्वेशन प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। इसका उद्देश्य शहर की ऐतिहासिक धरोहर को डिजाइन और वार्ता के माध्यम से सुरक्षित करना और पुनर्जीवित करना है।
इस प्रदर्शनी में संरक्षण वास्तुकार, डेवलपर्स, संपत्ति मालिक और नागरिकों ने भाग लिया। सीईपीटी विश्वविद्यालय के छात्रों ने एक सेमेस्टर लंबे कन्जर्वेशन एंड रिजनरेशन स्टूडियो के दौरान सोवाबाजार का अध्ययन किया। उन्होंने कुमारतुली की मूर्तिकला परंपराओं, औपनिवेशिक हवेलियों और पुरानी नहरों को ध्यान में रखते हुए ऐसे प्रस्ताव तैयार किए, जो संरक्षण और आधुनिक उपयोग को संतुलित करें।
उद्घाटन समारोह के बाद आयोजित पैनल चर्चा में मुंबई के विकास दिलावरी, दिल्ली की गुरमीत एस. राय और अहमदाबाद की सोनल मिठाल सहित संरक्षण क्षेत्र के विशेषज्ञों ने भाग लिया। कोलकाता के उद्योगपति हेमंत बांगुर और दर्शन दूधोरिया ने भी जमीनी दृष्टिकोण पेश किया।
पैनल में वक्ताओं ने शहरी संरक्षण को गतिशील प्रक्रिया के रूप में प्रस्तुत किया, जो केवल अतीत को सुरक्षित नहीं करता, बल्कि ऐतिहासिक शहरों के लचीले और टिकाऊ भविष्य का मार्ग भी तय करता है।
सीएचसी ने प्रदर्शनी के अवसर पर अपने वॉलंटियर एंड एसोसिएशन प्रोग्राम की शुरुआत की, जिसमें नागरिकों को दस्तावेजीकरण, शोध और प्रत्यक्ष बहाली में सहयोग के लिए आमंत्रित किया जाएगा। इसके साथ ही शहर के स्तर पर संरक्षण प्रयासों में सामूहिक भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए एक पोस्टर का अनावरण भी किया गया।
फाउंडर ट्रस्टी मुकुल अग्रवाल ने कहा, “सोवाबाजार प्रदर्शनी सिर्फ शैक्षणिक प्रदर्शन नहीं, बल्कि कार्रवाई का आह्वान है। यह हमारे विश्वास को दर्शाता है कि किसी भी शहर की निर्मित धरोहर को संरक्षित करना स्थायी भविष्य की दिशा है।”

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