कर दरों को सरल और युक्तिसंगत बनाया गया
नई दिल्ली: जीएसटी में व्यापक सुधार रातों-रात नहीं हुआ। इसका आधार पिछले साल दिसंबर में जैसलमेर में हुई जीएसटी परिषद की बैठक से पहले प्रधानमंत्री मोदी द्वारा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को दिए गए निर्देश थे। मोदी ने सीतारमण को व्यवसायों के लिए जीएसटी को सरल और कर दरों को युक्तिसंगत बनाने के लिए कहा, जिसके बाद इस दिशा में काम तेज़ी से बढ़ा।
सीतारमण ने बताया कि उन्होंने जैसलमेर बैठक से पहले ही जीएसटी की समीक्षा शुरू कर दी थी। मंत्रियों के समूह ने दरों, स्लैब और व्यवसाय पर पड़ने वाले प्रभाव का विश्लेषण किया। इसके परिणामस्वरूप लगभग ४०० वस्तुओं की दरें कम की गई हैं, जिससे कंपनियों के अनुपालन का बोझ घटा है।
नए सुधारों के तहत अब दो
जीएसटी स्लैब होंगे- ५ प्रतिशत और १८ प्रतिशत। विलासिता एवं सिगरेट जैसी हानिकारक वस्तुओं पर ४० प्रतिशत की विशेष दर लागू होगी। ये नई दरें २२ सितंबर से प्रभावी होंगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि ऐतिहासिक जीएसटी सुधार “लोगों के लिए सुधार” है और इसका लाभ देश के सभी परिवारों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मिलेगा।