शिलांग: अधिकारियों ने बताया कि मेघालय में गिलियन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) का एक मामला सामने आया है।
जीबीएस एक दुर्लभ स्वप्रतिरक्षी विकार है जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली परिधीय तंत्रिकाओं पर हमला करती है, जिससे मांसपेशियों में कमज़ोरी और संभवतः लकवा हो सकता है।
मेघालय में यह मामला उत्तर पूर्वी इंदिरा गांधी क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एनईआईजीआरआईएचएमए) से सामने आया है, जहाँ ३५ वर्षीय एक मरीज़ का इलाज चल रहा है।
संस्थान के डॉक्टरों ने कहा, “मरीज को न्यूरो वार्ड में भर्ती कराया गया है और तत्काल उपचार के बाद वह ठीक हो गया है।”
इस साल भारत में जीबीएस के मामलों में वृद्धि ने चिंताएँ बढ़ा दी थीं। पुणे में केंद्रित लेकिन महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, असम, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल तक फैल चुके इस प्रकोप ने २०० से ज़्यादा मामलों में से २३ लोगों की जान ले ली है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, जीबीएस एक दुर्लभ बीमारी है। इसका कारण पूरी तरह से समझा नहीं गया है, लेकिन ज़्यादातर मामलों में यह वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण के बाद होता है। इससे प्रतिरक्षा प्रणाली शरीर पर ही हमला करने लगती है। कैम्पिलोबैक्टर जेजुनी बैक्टीरिया से संक्रमण, जो गैस्ट्रोएंटेराइटिस (मतली, उल्टी और दस्त के लक्षणों के साथ) का कारण बनता है, जीबीएस के सबसे आम जोखिम कारकों में से एक है।