भारत ने दिखाया मानवता का आईना पर बांग्लादेश को यकीन नहीं

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ढाका: बांग्लादेशी वायुसेना का एक एफ -७ प्रशिक्षण विमान सोमवार को ढाका के उत्तरा क्षेत्र के दियाबारी इलाके में माइलस्टोन स्कूल और कॉलेज परिसर में गिर गया। इसके बाद विमान में आग लग गई। बुधवार को माइलस्टोन स्कूल के अधिकारियों ने मृतकों, घायल छात्रों और शिक्षकों की सही संख्या का पता लगाने के लिए अपनी समिति बनाई। नौ साल के नफी की रातों-रात दम घुटने से मौत हो गई। इसके बाद हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर ३२ हो गई। बांग्लादेश इस दुख से कराह रहा है, वहीं भारत ने दोस्ती और मानवता का फर्ज निभाते हुए ‘मरहम’ भेजा। आइए जानते हैं कि वह मरहम क्या है, जिसके बाद बांग्लादेश के सुर बदल गए। पूरी बात जानें। बांग्लादेश इस दुख से कराह रहा है, वहीं भारत ने दोस्ती और मानवता का फर्ज निभाते हुए ‘मरहम’ भेजा।
आइए जानते हैं कि वह मरहम क्या है, जिसके बाद बांग्लादेश के सुर बदल गए। पूरी बात जानें।
बांग्लादेश का टूटा हुआ दिल? : २१ जुलाई को ढाका में हुआ विमान हादसा बांग्लादेश के लिए एक बड़ा झटका था। चीन निर्मित वायुसेना का एफ -७ जेट विमान तकनीकी खराबी के कारण स्कूल की इमारत से टकरा गया। इसमें ३२ लोगों की मौत हो गई, जिनमें ज़्यादातर बच्चे थे।
भारत बना ‘मसीहा’, बेझिझक बताएँ कहाँ है मदद:
इस भयानक हादसे की खबर सुनकर भारत ने मदद का ऐलान किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर दुख व्यक्त करते हुए कहा, “भारत इस मुश्किल घड़ी में बांग्लादेश के साथ खड़ा है।” इसके बाद, भारत ने तुरंत बांग्लादेश से बात की और दिल्ली के राम मनोहर लोहिया और सफदरजंग अस्पतालों से ढाका के लिए रवाना हो गया। यह टीम बुधवार रात ढाका पहुँची और गुरुवार सुबह से घायलों का इलाज शुरू कर दिया। ये डॉक्टर न सिर्फ़ घायलों की हालत देख रहे हैं, बल्कि ज़रूरत पड़ने पर भारत में विशेष इलाज की सलाह भी दे रहे हैं। भारतीय उच्चायोग ने बांग्लादेश सरकार से पूछा था कि और क्या मदद की ज़रूरत है, और ज़रूरत पड़ने पर और टीमें भेजने का वादा किया था।
बांग्लादेश ने क्या कहा, जिस पर यकीन नहीं होगा:
इस मामले पर जब बांग्लादेश के विदेश सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन से बातचीत की गई, तो उन्होंने जो कहा, उस पर किसी को यकीन नहीं होगा। क्योंकि इससे पहले बांग्लादेश में शेख हसीना के इस्तीफ़े के बाद दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर था। तब से दोनों देशों के बीच दूरी बनी हुई थी। अब हम जानते हैं कि बांग्लादेश की भावनाएँ कैसे बदल गई हैं।
अब जानते हैं बांग्लादेश ने क्या कहा?
विदेश सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन ने कहा कि अंतरिम सरकार हमेशा आपसी सम्मान और समानता के आधार पर भारत के साथ अच्छे संबंध चाहती है। मोहम्मद तौहीद हुसैन ने यह बात तब कही जब उनसे पूछा गया कि क्या वह भारत की मेडिकल टीम के बांग्लादेश दौरे को दोनों देशों के बीच बेहतर संबंधों का सकारात्मक संकेत मानते हैं। दोनों देशों के बीच क्या होगा? बांग्लादेश के ढाका से आई एक रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा, “हम शुरू से यही चाहते थे।” हमने हमेशा कहा है कि हम भारत के साथ अच्छे कामकाजी रिश्ते चाहते हैं। हमारा रवैया भी यही है। अंतरिम सरकार में किसी ने भी कभी यह नहीं कहा कि वे भारत के साथ अच्छे रिश्ते नहीं चाहते।
भारत का शुक्रिया: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के विदेश सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन ने भी भारत की मदद के लिए तहे दिल से शुक्रिया अदा किया है। तो क्या आने वाले दिनों में भारत और बांग्लादेश के रिश्ते सुधरेंगे? अब यह सबके जेहन में होगा।

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