चंदन मिश्रा को २८ गोलियां मारी गईं, तौसीफ खान उर्फ बादशाह पर जुए में २० लाख रुपये हारने के बाद हत्या का आरोप

IMG-20250724-WA0061

कोलकाता: पड़ोसी राज्य बिहार की राजधानी पटना के बहुचर्चित पारस अस्पताल हत्याकांड में एक बड़ा खुलासा हुआ है। पुलिस ने आखिरकार इस सनसनीखेज वारदात के मास्टरमाइंड तौसीफ खान उर्फ बादशाह को गिरफ्तार कर लिया है। पटना पुलिस ने उसे आधुनिक तकनीक एएनपीआर (ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर) सिस्टम की मदद से गिरफ्तार किया है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, तौसीफ ने बताया हत्या की योजना पहले से बनाई गई थी और उसी के आधार पर एक टीम बनाई गई थी। अब तक इस घटना में १० आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें ५ शूटर और २ महिलाएं शामिल हैं।

इन सभी को अलग-अलग जगहों से गिरफ्तार किया गया। सभी आरोपियों की पहचान सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल लोकेशन और स्थानीय सुरागों के आधार पर की गई। पटना पुलिस तौसीफ बादशाह से लगातार पूछताछ कर रही है। पुलिस ने अगले दिन उससे करीब ५ घंटे तक पूछताछ की।

पूछताछ के दौरान तौसीफ भावुक हो गया और पुलिस सूत्रों के अनुसार, हत्या के लिए १० हथियार बॉक्सर से लाए गए थे, जबकि बाइक का इंतजाम पटना में हुआ था। पुलिस ने मंगलवार को घटना में प्रयुक्त अपाचे बाइक बरामद कर ली, जिस पर फर्जी नंबर प्लेट लगी थी। पुलिस ने बताया कि दोनों बाइक चोरी की थीं और एक बाइक अभी बरामद नहीं हुई है।

गया से मोबाइल और सिम बरामद: पुलिस टीम ने गया में तौसीफ की बहन के घर से घटना में प्रयुक्त तीन मोबाइल फोन और सिम कार्ड बरामद किए। बताया जा रहा है हत्या के बाद तौसीफ ने ये मोबाइल फोन अपनी बहन के घर छोड़ दिए थे। उसने बताया कि वह जुए में २० लाख रुपये हार गया था, जिससे वह कर्ज में डूब गया था। इस तरह उसने घटना को अंजाम दिया। पांचों बंदूकधारी नशे में थे: १७ जुलाई को जब पांचों बंदूकधारी अस्पताल पहुँचे, तो वे सभी नशे में थे। इसके बाद तौसीफ बादशाह, बलवंत, रवि रंजन, मोनू और नीलेश ने चंदन को २८ गोलियां मारी। पुलिस ने बताया कि मामले को सुलझाने के लिए दो चोरी की गाड़ियाँ लाई गईं। एक बाइक की तलाश के दौरान ये बाइकें बरामद की गईं।

तौसीफ ने अस्पताल स्टाफ को क्या बताया?: तौसीफ बादशाह ने आगे बताया उसने अस्पताल में एक कर्मचारी को बताया उसके चाचा भर्ती हैं। इसके बाद कर्मचारी ने बिना जाँच किए उसे अंदर जाने दिया। घटना के बाद अस्पताल के सीसीटीवी में आरोपी भागते हुए भी दिखाई दिए। हत्याकांड सुलझने के बाद, आरोपी तौसीफ सबसे पहले अपने घर गया और अपनी बहन से कहा उसे छोड़ दे। इसके बाद सभी आरोपी गया पहुँचे और कोलकाता भाग गए। हर शूटर को मिलने थे ५ लाख रुपये: तौसीफ ने पूछताछ में एक और बड़ा खुलासा किया। उसने बताया वह शेरू को नहीं जानता था, लेकिन उसका चाचा निशु खान शेरू की पुरुलिया जेल में मिला था और वहीं से साजिश शुरू हुई। शेरू ने निशु को चंदन की हत्या में मदद की थी। इसमें हर शूटर को ५ लाख रुपये मिलने थे। उसके बाद से किसी को भी पैसे नहीं दिए गए। रिपोर्ट्स में पुलिस सूत्रों के हवाले से बताया गया है चंदन मिश्रा की हत्या की साजिश पश्चिम बंगाल की पुरुलिया जेल से रची गई थी। इस हत्याकांड की निगरानी वहीं बंद एक अपराधी शेरू सिंह कर रहा था। सूत्रों के अनुसार, निशु खान ने शेरू सिंह से सौदा करके शूटरों को सक्रिय कर दिया। मिश्रा को कुल २८ गोलियाँ मारी गईं, जिससे पता चलता है यह सिर्फ़ एक हत्या नहीं, बल्कि गैंगस्टरों को खुली चुनौती थी।
जुए में २० लाख हार गया था…
पुलिस जाँच में पता चला है कि शूटर तौसीफ़ भारी आर्थिक तंगी से जूझ रहा था। वह जुए में लगभग २० लाख हार गया था और इसी कर्ज़ से छुटकारा पाने के लिए उसने चंदन मिश्रा की हत्या कर दी। इतना ही नहीं, निशु खान की आर्थिक स्थिति भी बहुत खराब थी और दोनों ने मिलकर पैसों के बदले यह खूनी सौदा किया था। हत्या के बाद उन्हें ५-५ लाख मिलने थे।
बॉक्सर से हथियार, बाइक और मोबाइल भी बरामद
बॉक्सर से हत्या में इस्तेमाल १० हथियार बरामद किए गए। शूटरों ने घटनास्थल पर चोरी की दो बाइकों का इस्तेमाल किया, जिनमें से एक अपाचे बाइक थी, जिसे पुलिस ने बरामद कर लिया है। इसके साथ ही पुलिस ने घटना में इस्तेमाल तीन मोबाइल फोन और सिम कार्ड भी जब्त कर लिए हैं।
तौसीफ ने बदला अपना हुलिया: हत्या के बाद वीडियो वायरल होने के बाद तौसीफ ने अपना हुलिया बदल लिया था। पहचान छिपाने के लिए उसने अपने बाल और दाढ़ी कटवा ली थी। आगे की कानूनी कार्यवाही के बाद आज उसकी पुलिस थाना हिरासत खत्म हो रही है। इस बीच, हत्याकांड के अन्य आरोपियों बलवंत, रवि रंजन और अभिषेक के खिलाफ बिहिया थाने में मामला दर्ज कर लिया गया है। मुठभेड़ में घायल हुए बलवंत और रवि रंजन फिलहाल पीएमसीएच अस्पताल पटना में भर्ती हैं और पुलिस की निगरानी में हैं।

About Author

[DISPLAY_ULTIMATE_SOCIAL_ICONS]

Advertisement