बांग्लादेशियों का आधारकार्ड बनाने वाले धंधेबाज को पुलिस ने दबोचा

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किशनगंज: सीमांचल किशनगंज जिले के जियापोखर थाना क्षेत्र के गिलहाबाड़ी गांव में अशराफुल नाम के शख्स को गिरफ्तार किया गया है। अशराफुल पर आरोप है कि वो बांग्लादेशी और नेपाली घुसपैठियों को भारतीय दस्तावेज मुहैया करवाकर आधार कार्ड बनवाता था।
पुलिस ने उसके पास से कई फर्जी आधार कार्ड, लैपटॉप, प्रिंटर, स्कैनर, रेटिना स्कैनर मशीन, नेपाली सिम कार्ड, दस्तावेज बनाने से जुड़ा पूरा सेटअप बरामद किया है।एसपी सागर कुमार ने बताया किइस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। वहीं, दो अन्य आरोपी जमाल और पंकज फरार हैं। इनकी तलाश में लगातार छापेमारी की जा रही है। इस संबंध में विभाग को पत्र लिखा गया है। फिलहाल उसका लिंक खंगाला जा रहा है।बिहार में औसत आधार सैचुरेशन ९४% है, जबकि बिहार के सीमावर्ती और मुस्लिम बहुल ४ जिलों में आबादी से अधिक आधार कार्ड बनाए गए हैं।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, किशनगंज की आबादी २०लाख २६ हजार ५४१ है, लेकिन यहां २१ लाख ३१ हजार १७२ आधार कार्ड बनाए जा चुके हैं। मतलब यहां आबादी से 1 लाख अधिक आधार कार्ड बनाए गए।
किशनगंज जिले का है, जहां ६८ फीसदी मुस्लिम आबादी है। यहां आधार सैचुरेशन १२६% है यानी कि यहां १०० लोगों पर १२६ आधार कार्ड जारी हुए है।
ऐसा ही हाल कटिहार का है यहां की मुस्लिम आबादी ४४ फीसदी है। यहां का आधार सैचुरेशन १२०% है। मतलब इस जिले में भी १०० लोगों पर १२३ आधार कार्ड बनाए गए।अररिया में मुस्लिमों की आबादी ४३% है। यहां का आधार सैचुरेशन १२३% है। यहां भी १०० लोगों पर १२३ आधार कार्ड बनाए गए। प⁰प⁰पूर्णिया में भी मुस्लिमों की आबादी ३८% है, लेकिन यहां आधार सैचुरेशन १२३% है। ये आंकड़े बताते हैं कि आबादी से ज्यादा आधार कार्ड इन जिलों में बनाए गए।बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन जारी रहेगासुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को बिहार विधानसभा चुनाव से पहले वोटर लिस्ट के रिवीजन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा कि आधार, वोटर आईडी, राशन कार्ड को भी पहचान पत्र मानें। अब अगली सुनवाई २८ जुलाई को होगी।
विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईरआर) यानी वोटर लिस्ट रिवीजन पर अदालत में करीब ३ घंटे सुनवाई हुई। याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि वोटर लिस्ट रिवीजन नियमों को दरकिनार कर किया जा रहा है। वोटर की नागरिकता जांची जा रही है। ये कानून के खिलाफ है।
इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से पूछा कि बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) यानी वोटर लिस्ट रिवीजन में नागरिकता के मुद्दे में क्यों पड़ रहे हैं? अगर आप वोटर लिस्ट में किसी शख्स का नाम सिर्फ देश की नागरिकता साबित होने के आधार पर शामिल करेंगे तो फिर ये बड़ी कसौटी होगी। यह गृह मंत्रालय का काम है। आप उसमें मत जाइए।
विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) यानी वोटर लिस्ट रिवीजन पर अदालत में करीब 3 घंटे सुनवाई हुई। याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि वोटर लिस्ट रिवीजन नियमों को दरकिनार कर किया जा रहा है। वोटर की नागरिकता जांची जा रही है। ये कानून के खिलाफ है।
वोटर लिस्ट रिवीजन के लेकर पटना में महागठबंधन ने किया था प्रदर्शन:
वोटर लिस्ट रिवीजन के विरोध में ‘इंडिया’ गठबंधन ने बुधवार को बिहार बंद किया था। बंद के समर्थन में राज्य के सभी जिलों में सुबह ही महागठबंधन के कार्यकर्ता सड़क पर उतरे। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी भी प्रदर्शन में शामिल होने के लिए दिल्ली से पटना पहुंचा। पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के साथ महागठबंधन के नेताओं ने वोटर लिस्ट रिवीजन को लेकर हल्ला बोला था।

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