काठमांडू: नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री एवं नेकपा (एमाले) के अध्यक्ष केपी शर्मा ओली ने पूर्व राष्ट्रपति विद्या भण्डारी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा है कि उन्हें पार्टी और देश में बम विस्फोट कराने का सपना आ रहा है। ओली का आरोप है कि विद्या भण्डारी और उनके समर्थक संगठन को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं।
ओली ने कहा, “यहाँ मैंने एकदम बम पड्काउँछु, विद्या भण्डारीजीले बम पड्काउँछु, ध्वस्त पार्छु, डडिन्छु भन्ने सपना देखेकी छन्। यूएमएल ध्वस्त हुन्छ भन्ने सपना देखेर बसिएको छ। कुनै बमबाजले पड्काएको छैन।”
मदन भण्डारी की पत्नी पर आपत्तिजनक टिप्पणियाँ:
ओली ने आगे कहा कि विद्या भण्डारी के समर्थक उन पर चरित्र हनन का आरोप लगा रहे हैं। कुछ ने तो यह तक कह दिया कि मदन भण्डारी की चार पत्नी थीं, जिसमें एक उनकी सहकर्मी थी। ओली ने सवाल उठाया कि ऐसे आरोपों का प्रमाण कौन देगा? उन्होंने कहा, “मदन भण्डारीलाई सहकर्मीमात्र होइन हिंडेकी हो आदि-इत्यादि आरोप लगाइन्छ, सहकर्मीको ठम भन्ने। कुनै आधार-साक्ष्य-सम्बन्ध थिएन।”
मदन भण्डारी को महासचिव हमने बनाया था: ओली
ओली ने दावा किया कि मदन भण्डारी पार्टी के महासचिव उन्हीं के प्रस्ताव पर बने थे। उन्होंने कहा, “मदन भण्डारीलाई म बन्नु भएको थियो महासचिव, हामीले नै बनाएका थियौं। छलफल र निष्कर्ष निकालेर हामीले बनाएका थियौं।” ओली ने यह भी स्पष्ट किया कि उस समय वे केंद्रीय सदस्य ही थे और निर्णय सामूहिक था।
रिपोर्ट के अनुसार, जब विद्या भण्डारी ने ओली से कहा “मेरा कुरा पनि सुनुस्” (मेरी बात भी सुनिए), तो ओली नाराज हो गए। उन्होंने वरिष्ठ उपाध्यक्ष ईश्वर पोखरेल से कहा, “मिटो बोल्नुहोस्, सुनेको छ” और नाराज़ होकर वहाँ से चले गए।
विश्लेषण:
यह बयान पूर्व राष्ट्रपति विद्या भण्डारी और नेकपा (एमाले) के अध्यक्ष केपी ओली के बीच बढ़ते राजनीतिक और वैचारिक टकराव को उजागर करता है। यह विवाद न सिर्फ व्यक्तित्वों का टकराव है, बल्कि वामपंथी राजनीति के भीतर बढ़ते ध्रुवीकरण का भी संकेत देता है।