कोलकाता: पाकिस्तान सरकार ने २०२६ के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नामित किया है। पाकिस्तान ने कहा कि भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान ट्रंप की कूटनीतिक पहल और मध्यस्थता ने युद्ध को टालने में मदद की।
पाकिस्तान सरकार ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि ट्रंप ने नई दिल्ली और इस्लामाबाद दोनों से बात करके युद्ध विराम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इससे दोनों परमाणु शक्तियों के बीच युद्ध की संभावना टल गई।
पाकिस्तान ने कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता करने के ट्रंप के प्रस्ताव की भी प्रशंसा की और कहा कि जब तक कश्मीर का समाधान नहीं हो जाता, तब तक क्षेत्र में स्थायी शांति नहीं हो सकती।
इससे पहले बुधवार को ट्रंप ने व्हाइट हाउस के एक बंद कमरे में पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर से मुलाकात की। दोनों ने व्हाइट हाउस के कैबिनेट रूम में साथ में डिनर किया। यह पहली बार था जब किसी अमेरिकी राष्ट्रपति ने पाकिस्तानी सेना प्रमुख की मेजबानी की हो।
व्हाइट हाउस की प्रवक्ता एना केली ने कहा कि मुनीर ने मई में भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष को रोकने का श्रेय ट्रंप को दिया। उनके बयान का सम्मान करते हुए ट्रंप ने उन्हें लंच पर आमंत्रित किया।
आसिम मुनीर इस समय अमेरिका के दौरे पर हैं। ट्रंप से मुलाकात से कुछ घंटे पहले भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति से ३५ मिनट तक फोन पर बातचीत की थी। इस दौरान मोदी ने साफ कहा कि ७ से १० मई तक चले ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत और पाकिस्तान की सेनाओं के बीच बातचीत के बाद युद्धविराम हुआ था। किसी बाहरी मध्यस्थता के जरिए नहीं। नोबेल पुरस्कार २०२६ के लिए आधिकारिक पंजीकरण सितंबर में शुरू होगा। हालांकि, अभी समय सीमा की घोषणा नहीं की गई है। २०२५ के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकन की अंतिम तिथि ३१ जनवरी थी। २०२५ के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए ३३८ नामांकन हुए थे। इनमें से २४४ व्यक्तिगत और ९४ संस्थाएं थीं। २०२३ में पुरस्कार के लिए २८६ उम्मीदवारों को नामित किया गया था। सबसे ज्यादा नामांकन २०१६ में ३७६ थे।