देर अल-बलाह (गाजा पट्टी): इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने घोषणा की है कि उनका देश कुछ ही दिनों में गाजा में एक नई सहायता प्रणाली लागू करेगा, जिसकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना हो रही है। नेतन्याहू ने कहा कि इजरायल गाजा को हमास-मुक्त क्षेत्र बनाने की योजना बना रहा है, जहां युद्ध के दौरान विस्थापित लोगों को लाया जाएगा और आवश्यक सहायता आपूर्ति प्रदान की जाएगी।
इस बीच, संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि वह इस सप्ताह गाजा पहुंचे फिलिस्तीनियों को अत्यंत आवश्यक सहायता पहुंचाने का प्रयास कर रहा है। दरअसल, लूटपाट की आशंका और इज़रायली सैन्य प्रतिबंधों के कारण इसमें देरी हुई है। गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, बुधवार को इजरायली हमलों में कम से कम ८६ लोग मारे गए
हालांकि युद्ध विराम वार्ता में कोई प्रगति नहीं हुई है, नेतन्याहू ने कहा कि वह युद्ध तभी समाप्त करेंगे जब हमास सभी बंधकों को रिहा कर देगा, सत्ता से हट जाएगा और गाजा पट्टी की आबादी को खाली करने की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की योजना को लागू करेगा। फिलिस्तीनियों और लगभग पूरे अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने गाजा से फिलिस्तीनियों को हटाने और क्षेत्र को अमेरिकी नियंत्रण में रखने की ट्रम्प की योजना को अस्वीकार कर दिया है।
लगभग तीन महीने तक भोजन, दवा, ईंधन और अन्य आपूर्ति को अवरुद्ध करने के बाद, इजरायल ने अंतर्राष्ट्रीय दबाव के चलते दर्जनों सहायता ट्रकों को गाजा में प्रवेश की अनुमति दे दी है। संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि सोमवार से अब तक पहुंची अधिकांश आपूर्ति संयुक्त राष्ट्र के ट्रकों में लाद दी गई है, लेकिन उन्हें सीमा पार नहीं ले जाया जा सकता। उन्होंने कहा कि इजरायली सेना ने उन्हें जो सड़क दी थी वह बहुत असुरक्षित थी। संयुक्त राष्ट्र के एक अधिकारी ने बाद में बताया कि बुधवार रात को एक दर्जन से अधिक ट्रक मध्य गाजा के गोदामों में पहुंचे।
अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर यह जानकारी दी। इजराइल ने कहा कि बुधवार को १०० ट्रक गाजा में प्रवेश कर गये। इजराइल ने कहा है कि नाकाबंदी हटाने का निर्णय अस्थायी है तथा बाद में नई सहायता प्रणाली लागू करने की योजना है। संयुक्त राष्ट्र और अन्य मानवीय समूहों ने इस प्रणाली को यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया है कि यह इजरायल को सहायता आपूर्ति को हथियार बनाने और आबादी को जबरन विस्थापित करने में सक्षम बनाती है।