जम्मू: राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने पहलगाम आतंकी हमले की जांच अपने हाथ में ले ली है।
अधिकारियों ने रविवार को बताया कि एनआईए के एक पुलिस महानिरीक्षक, एक पुलिस उपमहानिरीक्षक और एक पुलिस अधीक्षक की निगरानी में गठित टीम जम्मू-कश्मीर में पहलगाम की बैसरन घाटी में मंगलवार को हुए हमले के प्रत्यक्षदर्शियों से पूछताछ कर रही हैं। उन्होंने कहा कि कश्मीर में सबसे भीषण आतंकी हमलों में से एक को अंजाम देने संबंधी घटनाक्रम का पता लगाने के लिए प्रत्यक्षदशियों से गहन पूछताछ की जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि एनआईए की टीम आतंकियों के बारे में सुराग हासिल करने के लिए प्रवेश और निकास बिंदुओं की गहन जांच कर रही हैं। उन्होंने कहा कि फॉरेंसिक और अन्य विशेषज्ञों की मदद से ये टीम पूरे इलाके की गहन जांच कर रही हैं ताकि उस आतंकवादी साजिश का पर्दाफाश करने के लिए सबूत जुटाए जा सकें, जिसके कारण यह भयावह हमला हुआ। इस हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। अधिकारियों ने बताया कि एनआईए की टीम हमलास्थल पर बुधवार से ही डेरा डाले हुए हैं और उन्होंने सबूतों की तलाश तेज कर दी है। एनआईए ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश के बाद पहलगाम आतंकी हमले के मामले की जांच अपने हाथ में ली है।
आतंकियों ने सामाजिक कार्यकर्ता की हत्या की
जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में आतंकियों ने ४५ वर्षीय एक सामाजिक कार्यकर्ता को गोली मार दी जिससे उनकी मौत हो गयी है। अधिकारियों ने बताया कि आतंकी शनिवार देर रात गुलाम रसूल माग्रे के कंडी खास स्थित घर में घुसे और उन्हें गोली मार दी। गुलाम रसूल माग्रे को अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। आतंकियों द्वारा उन्हें निशाना बनाए जाने का कारण अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है।
संघर्ष विराम का लगातार उल्लंघन
पाकिस्तानी सैनिकों ने जम्मू-कश्मीर में बिना किसी उकसावे के गोलीबारी कर नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम का उल्लंघन किया, जिसका भारतीय सेना के जवानों ने ‘प्रभावी ढंग से जवाब’ दिया। यह लगातार तीसरी रात थी, जब पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर बिना उकसावे के गोलीबारी की। अधिकारियों ने कहा, ‘२६-२७ अप्रैल की मध्य रात्रि को नियंत्रण रेखा के पार स्थित पाकिस्तानी सेना की चौकियों की ओर से तुतमारी गली और रामपुर सेक्टर के निकटवर्ती इलाकों में बिना उकसावे के छोटे हथियारों से गोलीबारी की गयी। भारतीय सेना के जवानों ने ‘उचित छोटे हथियारों से प्रभावी ढंग से जवाब दिया।’
पाक को घुटनों पर लाया जायेगा: हरदीप पुरी
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि पड़ोसी देश को ‘घुटनों पर लाया जायेगा ताकि वह ऐसी घृणित हरकत करने की फिर कभी न सोच सके।’ पुरी ने कहा कि पाकिस्तान ‘पतन’ की ओर अग्रसर एक ऐसा देश है, जो आतंकवाद का सरकार की नीति के साधन के रूप में समय-समय पर इस्तेमाल करता रहता है। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री ने मोहाली में एक कार्यक्रम में कहा, ‘मुझे लगता है कि इस बार उन्होंने गलत अनुमान लगाया है। उन्होंने गलत नंबर डायल कर दिया क्योंकि हमारा नेतृत्व प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने बिहार में बयान दिया था – ‘बहुत हो गया और अब उन्हें इसके परिणाम भुगतने होंगे।’ भारत और पाकिस्तान के बीच पहले से ही तनावपूर्ण संबंध पहलगाम आतंकी हमले के बाद और भी बिगड़ गए हैं।
नयी दिल्ली में केंद्र सरकार ने पहलगाम हमले के तार सीमा पार से जुड़े होने के मद्देनजर पाकिस्तानी सैन्य सलाहकार (अताशे) को निष्कासित करने, १९६० की सिंधु जल संधि को निलंबित करने और अटारी-वाघा सीमा-चौकी को तत्काल बंद करने समेत कई कदमों की घोषणा की थी। पुरी ने सिंधु जल संधि के निलंबन पर कहा कि भारत ने पहली बार ऐसा कदम उठाया है, जिससे पाकिस्तान को ‘उचित कीमत चुकानी पड़ी’ है। पूर्व राजनयिक पुरी ने कहा,‘मुझे नहीं लगता कि मुझे उन विकल्पों पर अटकलें लगानी चाहिए जिनका उपयोग किया जाएगा, लेकिन मुझे लगता है कि देश (पाकिस्तान) पतन की स्थिति में पहुंच चुका है। पश्चिमी पड़ोसी को घुटनों पर लाया जायेगा ताकि वह फिर कभी इस तरह का घृणित कृत्य करने के बारे में न सोचें।’