सिक्टा(बिहार): पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद नेपाल के रास्ते भारत में आतंकियों के घुसपैठ की आशंका जताई जा रही है। इसे देखते हुए भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। एसएसबी और सीमाई थाना सिकटा की पुलिस ने मिलकर सीमा पर सघन तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। नियमित ड्यूटी से अलग हटकर अब नेपाल से आने-जाने वाले सभी रास्तों पर सख्त जांच की जा रही है।
नेपाल से भारत आने वाले लोगों की बारीकी से तलाशी ली जा रही है। एसएसबी इंस्पेक्टर और सिकटा कंपनी के प्रभारी राजवीर यादव ने बताया कि नेपाल के रास्ते आतंकी भारत में प्रवेश कर सकते हैं, इसलिए बॉर्डर पर सख्ती बेहद जरूरी है। शुक्रवार को एसएसबी की 47वीं बटालियन के प्रभारी राजवीर यादव और सिकटा थानाध्यक्ष राज रौशन के नेतृत्व में यात्रियों को रोककर उनके सामान की स्कैनर मशीन से जांच की गई। उनके आधार कार्ड एवं नागरिता पत्र की जांच के बाद जाने की इजाजत दी गई। हालांकि, गुरुवार की शाम व शुक्रवार की दोपहर तक जांच में कोई संदिग्ध या प्रतिबंधित सामान नहीं मिला है।
नेपाली नागरिकों ने जांच का किया विरोध:
इस दौरान कई राहगीरों ने तलाशी अभियान का विरोध भी किया, हालांकि समझाने-बुझाने के बाद वे शांत हो गए। विरोध करने वालों में नेपाल के पर्सा जिले के हरिहरपुर निवासी सोहन पटेल कुर्मी, विरंची के सुबोध तिवारी और लंगड़ी के मनोहर साह कानू शामिल थे। इन लोगों ने बताया कि भारत और नेपाल के बीच पारंपरिक रूप से बेटी-रोटी का गहरा संबंध है। नेपाल के तराई क्षेत्र के लोगों के लिए सिकटा और रक्सौल प्रमुख बाजार हैं, जहां से वे रोजमर्रा की चीजों के साथ-साथ शादी-ब्याह से जुड़ी खरीदारी भी करते हैं। उन्होंने सीमा पर जांच को थोड़ा नरम करने की मांग की।
पाकिस्तानी नागरिकों को नहीं मिलेगी एंट्री:
एसएसबी के इंस्पेक्टर ने बताया कि फिलहाल पाकिस्तानियों की सीमा पार आवाजाही को लेकर कोई विशेष निर्देश नहीं मिले हैं। लेकिन अगर कोई पाकिस्तानी नागरिक वैध दस्तावेजों के साथ भी इस सीमा से भारत में प्रवेश करना चाहता है, तो उसे अनुमति नहीं दी जाएगी। नेपाल से लगती सीमा पर शादी-ब्याह और स्थानीय लोगों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए एसएसबी कैंप में जनप्रतिनिधियों और प्रमुख नागरिकों के साथ एक बैठक आयोजित की गई। एसएसबी कार्यालय में हुई इस बैठक में भारत-नेपाल के पारंपरिक रिश्तों को ध्यान में रखते हुए सीमावर्ती क्षेत्रों में जांच अभियान जारी रखने की सिफारिश की गई। बैठक में सभी लोगों ने सीमा सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने पर जोर दिया।