नई दिल्ली: सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग ने व्यवसाय, उद्योग और लोक सेवाओं सहित कई क्षेत्रों में भारतीय समुदाय के लोगों के योगदान को स्वीकारते हुए रविवार को कहा कि सत्तारूढ़ ‘पीपुल्स एक्शन पार्टी’ (पीएपी) निश्चित रूप से आगामी आम चुनाव में भारतीय समुदाय के लोगों को भी उतारेगी। पीएपी ने २०२० के आम चुनाव में २७ नए चेहरों को चुनाव मैदान में उतारा था, लेकिन इनमें एक भी भारतीय मूल का उम्मीदवार नहीं था जिसके बाद संसद में भारतीय समुदाय के प्रतिनिधित्व को लेकर सवाल उठने लगे थे।
भारतीय समुदाय के युवाओं के साथ संवाद के दौरान वोंग ने कहा, ‘आप (भारतीय समुदाय) एक छोटा समुदाय हो सकते हैं, लेकिन निश्चित रूप से सिंगापुर में आपका योगदान और आपका प्रभाव बिल्कुल भी छोटा नहीं है।’ वोंग ने कहा, ‘वास्तव में, मैं कहूंगा कि आप पहले से ही सिंगापुर की भावना का प्रतिबिंब हैं। आपकी कहानी सिंगापुर की कहानी है।’
वोंग ने सिंगापुर में व्यापार, उद्योग और सरकार सहित कई क्षेत्रों में देश के लिए भारतीयों के योगदान को रेखांकित किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि आगामी चुनाव के लिए पीएपी से नए भारतीय उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा जाएगा, लेकिन उन्होंने इस बारे में ज्यादा विवरण नहीं दिया और न ही किसी का नाम बताया।
ये चेहरे दौड़ में:
मीडिया में आई खबरों के अनुसार, हाल में नेताओं के साथ देखे गए नए चेहरों में ‘एजेंसी फॉर इंटीग्रेटेड केयर’ के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी दिनेश वासु दास, ‘लॉ फर्म टीटो इसाक एंड कंपनी’ के प्रबंध भागीदार कवल पाल सिंह, ट्रेड यूनियन में बड़ा चेहरा जगतीश्वरन राजो और भारतीय ऑर्थोपेडिक सर्जन हामिद रजाक शामिल हैं। सिंगापुर के दैनिक अखबार की खबर के अनुसार, २०२४ में सिंगापुर की आबादी में भारतीय मूल के लोग ७.६ फीसदी थे, जबकि मलेशिया के १५.१ फीसदी और चीन के ७५.६ फीसदी थे। भारतीय मूल के डिजिटल विकास और सूचना राज्य मंत्री जनिल पुथुचेरी ने भी इस कार्यक्रम में लगभग १३० युवाओं से संवाद किया।