उपेंद्र यादव ने सरकार को असफल और अक्षम बताया, भूमि अध्यादेश का किया बिरोध

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काठमांडू: जनता समाजवादी पार्टी (जसपा), नेपाल के अध्यक्ष उपेंद्र यादव ने वर्तमान सरकार को पूरी तरह से असफल और अक्षम करार दिया है। पार्टी की केंद्रीय समिति की बैठक में प्रस्तुत अपनी राजनीतिक और संगठनात्मक रिपोर्ट में यादव ने कहा कि यह सरकार सुशासन, समृद्धि और विकास के बजाय केवल खोखले नारों तक सीमित हो गई है।
उन्होंने अपनी रिपोर्ट में लिखा, “सरकार के प्रति जनता में निराशा बढ़ती जा रही है। भ्रष्टाचार को नियंत्रित करने में असमर्थता, सुशासन स्थापित करने में नाकामी और आर्थिक विकास के जरिए समृद्धि हासिल करने के लिए कोई ठोस नीति, कार्यक्रम या योजना नजर नहीं आती।” यादव ने यह भी आरोप लगाया कि हर तरह से असफल हो चुकी इस सरकार की उम्र बढ़ाने के लिए भूमि अध्यादेश पर कड़ा रुख छोटे दलों को कमजोर करने की साजिश रची जा रही है।
भूमि अध्यादेश पर कड़ा रुख
अध्यक्ष यादव ने सरकार द्वारा लाए गए भूमि संबंधी अध्यादेश का कड़ा विरोध किया है। उनका कहना है कि जब संसद का सत्र बुलाया जाना चाहिए था, तब सरकार ने महत्वपूर्ण कानूनों को अध्यादेश के जरिए लाकर अपनी “कुत्सित मंशा” को उजागर किया है। यादव ने घोषणा की कि जब तक भूमि अध्यादेश वापस नहीं लिया जाता, उनकी पार्टी अन्य पांच अध्यादेशों का समर्थन नहीं करेगी।
उन्होंने कहा, “भूमि संबंधी कुछ नेपाल ऐन को संशोधन करने के लिए लाया गया अध्यादेश देश और जनता के हित में नहीं है। यह रियल एस्टेट और भू-माफिया के पक्ष में है। तराई/मधेस के जंगल, सार्वजनिक जमीन को अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं में बांटने के उद्देश्य से यह अध्यादेश लाया गया है। इससे वास्तविक भूमिहीन और सुकुमबासी लोग जमीन पाने से वंचित रह जाएंगे, साथ ही पर्यावरण संकट पैदा हो सकता है, जिससे समस्या और जटिल हो सकती है।”
संविधान का दुरुपयोग
यादव ने संविधान के अनुच्छेद ११४ का हवाला देते हुए कहा कि इसमें प्रावधान है कि संसद के दोनों सदनों का सत्र चल रहा हो तो छोड़कर, तत्काल जरूरत पड़ने पर ही मंत्रिपरिषद की सिफारिश पर राष्ट्रपति अध्यादेश जारी कर सकते हैं। उनका आरोप है कि सरकार ने इस प्रावधान का दुरुपयोग किया और संसद का सत्र बुलाने के बजाय अध्यादेश के जरिए कानून लाने की कोशिश की, जो गठबंधन सरकार के छिपे स्वार्थ को दर्शाता है।
जसपा का दृढ़ संकल्प
अध्यक्ष यादव ने जोर देकर कहा कि उनकी पार्टी भूमि अध्यादेश के खिलाफ मजबूती से खड़ी है। उन्होंने इसे जनता के हितों के खिलाफ बताते हुए कहा कि यह अध्यादेश रियल एस्टेट और भू-माफिया को फायदा पहुंचाने वाला है, न कि आम जनता को।
इस बैठक के जरिए जसपा ने सरकार के खिलाफ अपनी आवाज को और बुलंद करने का संकेत दिया है, जिससे सत्तारूढ़ गठबंधन पर दबाव बढ़ सकता है।

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