सिलीगुड़ी: संसद में चल रही वंदे मातरम् गीत पर चर्चा के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का बयान आया है। उन्होंने कहा, “मैंने भाजपा के कुछ लोगों को यह कहते सुना कि वे नेताजी को पसंद नहीं करते। टीएमसी और बीजेपी दोनों ने अभी से जान झोंकनी शुरू कर दी है। बंगाल की सियासत भी गरमाई हुई है। इस बीच जहां एक ओर देश की संसद में वंदे मातरम् को लेकर १० घंटे की बहस हो रही है तो दूसरी ओर ममता बनर्जी कूचबिहार स्थित मदन मोहन मंदिर पहुंचीं, जहां उन्होंने पूजा-अर्चना और आरती की।
बंगाल पर पूरे देश की नजर: दरअसल, बंगाल पर इस वक्त पूरे देश की नजर है और अगर कहें कि चुनाव का ट्रेलर लॉन्च हो चुका है तो गलत नहीं होगा। एक तरफ बंगाल के मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद की आधारशिला रखी जा चुकी है तो दूसरी ओर संसद में वंदे मातरम पर चल रही गरमा-गरम बहस ने हर किसी का ध्यान खींचा है। प्रियंका गांधी ने तो खुलेआम संसद में कह दिया कि वंदे मातरम् पर बहस ही इस वजह से हो रही है क्योंकि बंगाल चुनाव आ रहा है। ऐसे में हमारे प्रधानमंत्री महोदय अपनी भूमिका बनाना चाहते हैं। अगला आरोप प्रियंका ने यह लगाया कि जिन्होंने स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ी, देश के लिए कुर्बानियां दीं, ये सरकार उन पर नए आरोप लादने का मौका चाहती है।
प्रियंका बोलीं- तथ्यों के मामले में पीएम कमजोर:
कांग्रेस सांसद ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी भाषण तो अच्छा देते हैं, लेकिन तथ्यों के मामले में कमजोर पड़ जाते हैं। पीएम मोदी जिस तरह तथ्यों को जनता के सामने रखते हैं, ये उनकी कला है, लेकिन मैं तो जनता की प्रतिनिधि हूं, कोई कलाकार नहीं हूं।
देश के अंदर समस्या का समाधान नहीं हो रहा”:
उन्होंने कहा कि फ्लाइट संकट से दिक्कत हो रही है। ऐसे देश नहीं चल सकता। देश के अंदर की समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। जिन पैसेंजर्स को नुकसान हुआ है, उन्हें मुआवजा देना चाहिए। बीजेपी केवल ईवीएम से वोट मैनेज करती है। जनता की मुख्य समस्या पर ध्यान नहीं दिया जा रहा। फ्लाइट्स बंद है, किराया ज्यादा कर दिया गया है। यह डिजास्टर है। पिछले ७-८ दिनों से लाखों पैसेंजर प्रभावित हो रहे हैं।
लोकसभा में चल रही चर्चा: वंदे मातरम् गीत पर भारत के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में १५० साल पूरे होने पर चर्चा चल रही है। इस चर्चा की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक गीत नहीं बल्कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम की आत्मा, संकल्प और राष्ट्र जागृति का स्त्रोत है। उन्होंने कहा कि जिस जयघोष ने देश को आजादी तक पहुंचाया, उस वंदे मातरम् का पुण्य स्मरण करना गौरव और कर्तव्य दोनों है। दूसरी तरफ, इंडिगो संकट पर टिप्पणी करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय की योजना की कमी यात्रियों की परेशानी के लिए जिम्मेदार है। मैंने देखा है कि पिछले कुछ दिनों से फ्लाइट में गड़बड़ी के कारण यात्रियों को बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इसके लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार है।
उन्होंने कहा कि योजना की बिल्कुल कमी थी। मुझे लगता है कि यात्रियों को हुई दिक्कतों के कारण कोर्ट जाने का उनका अधिकार है, अगर केंद्र सरकार सही से काम करती तो आज यात्रियों को परेशान न होना पड़ता। उन्होंने यात्रियों को एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए दूसरे विकल्प चुनने के सुझाव पर भी सवाल उठाया और पूछा कि यह कैसे संभव है? उन्होंने कहा कि असल में, भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार आम लोगों के बारे में नहीं सोचती। वे हमेशा चुनाव नतीजों के बारे में सोचते हैं।पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को सनातन संस्कृति संसद द्वारा आयोजित भगवद्गीता पाठ कार्यक्रम में अपनी अनुपस्थिति को सही ठहराते हुए कहा कि उन्होंने इसमें हिस्सा इसलिए नहीं लिया क्योंकि यह भारतीय जनता पार्टी से जुड़ा एक कार्यक्रम था।
रविवार को यहां ब्रिगेड परेड ग्राउंड में हुए इस कार्यक्रम में राज्य भर से लाखों लोग जुटे थे। इसे २०२६ विधानसभा चुनावों से पहले हिंदू पहचान के प्रदर्शन के रूप में देखा जा रहा था।
उत्तर बंगाल के आधिकारिक दौरे पर निकलने से पहले ममता बनर्जी ने कोलकाता हवाई अड्डे पर मीडिया से कहा, “अगर यह एक निष्पक्ष कार्यक्रम होता, तो मैं निश्चित रूप से वहां जाती। मैं एक पार्टी से जुड़ी हूं और एक विचारधारा का अनुसरण करती हूं। मैं सभी धर्मों, जातियों और पंथों का सम्मान करती हूं।”
जो बंगाल का अपमान करते हैं, मैं उनके साथ नहीं: ममता
उन्होंने जोर देकर कहा, “मैं ऐसे कार्यक्रम में कैसे शामिल हो सकती हूं, जिसमें बीजेपी सीधे तौर पर शामिल है? मैं उन लोगों के कार्यक्रमों में शामिल नहीं होती, जो नेताजी सुभाष चंद्र बोस से नफरत करते हैं और महात्मा गांधी के आदर्शों का पालन नहीं करते। मेरे बंगाल और मेरे शिक्षकों ने मुझे बनाया है। जो बंगाल का अपमान करते हैं और बांग्ला विरोधी है, मैं उनके साथ नहीं हूं।” इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्यपाल सी वी आनंद बोस दोनों को निमंत्रण भेजा गया था। राज्यपाल बोस ने कार्यक्रम में भाग लिया, जबकि ममता बनर्जी अनुपस्थित रहीं। राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने उनकी अनुपस्थिति पर सवाल उठाते हुए कहा, “एक सच्चे हिंदू को ऐसे निमंत्रणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। यदि वे ऐसा करते हैं, तो इससे उनकी आस्था पर संदेह पैदा होता है।”










