नई दिल्ली: रूस के प्रेसिडेंट व्लादिमीर पुतिन आज, दो दिन के दौरे पर भारत आ रहे हैं। वे आज शाम दिल्ली पहुंचेंगे। पुतिन पिछली बार २०२१ में भारत आए थे। ४ साल के लंबे ब्रेक के बाद वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बुलावे पर फिर से भारत आ रहे हैं। और इस साल भारत-रूस स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप की २५वीं सालगिरह है। इसके साथ ही दोनों देशों की २३वीं बाइलेटरल समिट भी होने वाली है।
प्रधानमंत्री मोदी ने पुतिन के लिए अपने ऑफिशियल घर पर एक प्राइवेट डिनर रखा है। रूस के प्रेसिडेंट आज भारत पहुंचने पर वहां उनके साथ शामिल होंगे। शुक्रवार सुबह राष्ट्रपति भवन में उनका औपचारिक स्वागत किया जाएगा, उन्हें तीन-तरफ़ा गार्ड ऑफ़ ऑनर दिया जाएगा। उसके बाद, वह राजघाट पर महात्मा गांधी की समाधि पर श्रद्धांजलि देंगे। और फिर हैदराबाद हाउस में २३वीं भारत-रूस बाइलेटरल समिट शुरू होगी। मोदी और पुतिन के बीच इस मीटिंग में किसी बड़े ऐलान या एग्रीमेंट पर साइन होने की संभावना है। खबर है कि दोनों नेताओं की बातचीत में डिफेंस, ट्रेड, एनर्जी समेत ज़रूरी एरिया पर बात होगी।
सूत्रों के मुताबिक, मोदी और पुतिन ट्रेड और इकोनॉमिक पार्टनरशिप को बढ़ाने पर डिटेल में बात करेंगे। यह भी खबर है कि २०३० तक भारत-रूस इकोनॉमिक कोऑपरेशन के स्ट्रेटेजिक एरिया को डेवलप करने का प्रोग्राम शुरू हो सकता है। टूरिज्म सेक्टर में भी बढ़ोतरी की काफी गुंजाइश है। हालांकि, दोनों नेताओं की मीटिंग में एक ज़रूरी मुद्दा डिफेंस भी रहने वाला है। वे और एडवांस्ड ब्रह्मोस के बारे में बात कर सकते हैं। इसके साथ ही, भारत एस-४०० एयर डिफेंस सिस्टम की बाकी दो रेजिमेंट की सप्लाई पर क्लैरिटी मांगेगा। इससे पहले, रूस और यूक्रेन के बीच जंग की वजह से भारत को रेजिमेंट की सप्लाई में काफी देरी हुई थी। हालांकि, पांच में से तीन भारत को सौंप दी गई हैं, लेकिन बाकी दो २०२६ की शुरुआत में आने वाली हैं। इसके साथ ही, रूस और एस-४०० रेजिमेंट सप्लाई करने का ऑफर भी दे सकता है।
दूसरी तरफ, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शुक्रवार शाम को पुतिन के लिए सरकारी दावत देंगी। ऐसा सुनने में आ रहा है। और इसमें शामिल होने के बाद पुतिन मॉस्को के लिए रवाना होंगे। मौजूदा हालात में, इस बार पुतिन का भारत दौरा काफी अहम माना जा रहा है। देखना होगा कि मोदी के साथ मीटिंग में आखिर में क्या मुद्दे उठते हैं।









