नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देश से माओवादियों को खत्म करने की अपील की है। इसी वजह से नए साल की ३१ मार्च तक की डेडलाइन तय की गई है। और इसी मकसद से माओवादियों के खिलाफ जॉइंट फोर्स का लगातार ऑपरेशन चल रहा है। इसके अलावा, पिछले कुछ महीनों में माओवादियों के सरेंडर में भी कमी आई है।
इस बीच, माओवादियों ने तीन राज्यों के मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी लिखकर उनसे अपने खिलाफ ऑपरेशन फिलहाल रोकने की विनती की है। वे तीन राज्य महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ हैं। माओवादियों की इन तीनों राज्यों की स्पेशल जोनल कमेटी के लीडरशिप ने यह चिट्ठी २२ नवंबर को लिखी थी। इस पर स्पेशल जोनल कमेटी के स्पोक्सपर्सन अनंत के साइन हैं।
पिछले हफ्ते, आंध्र प्रदेश में सिक्योरिटी फोर्स के साथ एनकाउंटर में एक टॉप माओवादी लीडर मादवी हिडमा मारा गया था। तीन दिन बाद माओवादियों की ऐसी रिक्वेस्ट काफी अहम है।
पिछले महीने माओवादी सेंट्रल कमेटी और पोलित ब्यूरो के सदस्य मल्लाजुला बेनुगोपाल राव उर्फ सोनू ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री फडणवीस के सामने सरेंडर कर दिया था। अनंत के लिखे लेटर में भी सोनू का ज़िक्र है। उन्होंने उस लेटर में लिखा था, ‘देश और दुनिया के बदलते हालात में, हमारी सेंट्रल कमेटी और पोलित ब्यूरो ने हथियार डालकर हथियारबंद संघर्ष को कुछ समय के लिए रोकने का फैसला किया है। हम एमएमसी सदस्य हथियार डालकर सरकारी रिहैबिलिटेशन प्रोसेस में शामिल होना चाहते हैं। इसके लिए हमें १५ फरवरी तक का समय दिया जाए।’
अनंत ने लेटर में कहा, वे डेमोक्रेटिक सेंट्रलिज़्म में विश्वास करते हैं। इसलिए संगठन की हर ब्रांच से सलाह करना ज़रूरी है। उन्हें एकजुट होकर सरेंडर करने के इस फैसले पर पहुंचने में कुछ समय लगेगा। इसलिए दूसरे सदस्यों से सलाह करने और उन तक यह मैसेज पहुंचाने के लिए यह समय चाहिए।










