पटना: ६ नवंबर को बिहार के १८ जिलों के १२१ विधानसभा क्षेत्रों में मतदान हुआ था। चुनाव आयोग ने शनिवार को मतदान के अंतिम आंकड़े जारी किए। इन आंकड़ों के अनुसार, पहले चरण में बिहार में कुल मतदान ६५.०८ प्रतिशत रहा। जो बिहार के अब तक के इतिहास में सबसे अधिक है।
बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के अनुसार, २०२० के विधानसभा चुनाव में इन सीटों पर कुल मतदान ५७.२९ प्रतिशत रहा था। इसकी तुलना में इस बार मतदान प्रतिशत ७.७९ प्रतिशत अधिक रहा। पहले चरण में बिहार के ३ करोड़ ७५ लाख लोगों ने मतदान किया। जिनमें से १.९८ करोड़ पुरुष और १.७६ करोड़ महिला मतदाता थीं। बिहार के मुजफ्फरपुर और समस्तीपुर जिलों में ७० प्रतिशत से अधिक वोट पड़े। मुजफ्फरपुर में ७१.८१ प्रतिशत और समस्तीपुर में ७१.७४ प्रतिशत मतदान हुआ। साथ ही, मधेपुरा (६९.५९), सहरसा (६९.३८), वैशाली (६८.५०) और खगड़िया (६७.९०) जिलों में उच्च मतदान दर दर्ज की गई। साथ ही, लक्षद्वीप में ६४.९८, मुंगेर में ६२.४ और सीवान में ६०.६१ प्रतिशत मतदान हुआ। इसकी तुलना में, पटना में मतदान दर कम (५९.०२ प्रतिशत) रही।
गौरतलब है कि बिहार में पिछली बार रिकॉर्ड मतदान १९९८ के विधानसभा चुनाव में हुआ था। कुल मतदान ६२.५७ प्रतिशत था। जो अब तक का सबसे अधिक था। लेकिन २०२५ के विधानसभा चुनाव के पहले चरण में मतदान ने उस रिकॉर्ड को तोड़ दिया। बिहार की शेष १२२ सीटों पर मतदान ११ नवंबर को है। उसके बाद, १४ नवंबर को बिहार चुनाव के नतीजे घोषित किए जाएँगे।










