रांची: कई जूनियर खिलाड़ियों से सजी दूसरे दर्जे की भारतीय टीम यहां १७ साल बाद शुक्रवार से शुरू हो रही दक्षिण एशियाई सीनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में दबदबा बनाये रखने के इरादे से उतरेगी। चैंपियनशिप का चौथा सत्र बिरसा मुंडा स्टेडियम पर खेला जायेगा। पिछली बार २००८ में केरल के कोच्चि में इसका आयोजन हुआ था। भारत ने १९९७ में पहले संस्करण की मेजबानी की थी जबकि दूसरी बार यह चैंपियनशिप श्रीलंका में खेली गई थी।
इसमें भारत, श्रीलंका, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान और मालदीव के २०६ खिलाड़ी भाग ले रहे हैं जो तीन दिन में ३७ पदकों के लिये मुकाबला करेंगे। पाकिस्तान आयोजकों से न्योता मिलने के बावजूद नहीं आया है। आयोजन समिति के एक अधिकारी ने बताया, ‘हमने दक्षिण एशियाई एथलेटिक्स महासंघ के सभी सदस्यों को निमंत्रण भेजा था। पाकिस्तान सदस्य देश है लेकिन उसने हमारे न्योते का जवाब नहीं दिया।’ चौथा सत्र दो बार स्थगित हुआ है।
पहले २०२४ में होना था जिसे मई २०२५ तक स्थगित किया गया। इसके बाद अक्टूबर २४ से २६ तक कराने का फैसला लिया गया। भारत की ७३ सदस्यीय टीम में कोई बड़ा नाम नहीं है। सिर्फ एम आर पूवम्मा अनुभवी खिलाड़ी हैं जो चार गुणा ४०० मीटर रिले टीम का हिस्सा हैं। भारतीय टीम के कुछ स्पर्धाओं में श्रीलंका से कड़ी चुनौती मिलेगी। श्रीलंका ने ६२ खिलाड़ियों को भेजा है जिनकी अगुवाई पुरुष चक्का फेंक खिलाड़ी रूमेश थरंगा पथिरागे करेंगे।











