स्तन कैंसर पर जागरूकता कार्यक्रम

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बीएनसी और पूर्वाञ्चल कैंसर अस्पताल की संयुक्त पहल

बिर्तामोड: स्तन कैंसर को लेकर जनजागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से बिर्तामोड न्यूरो क्लिनिक (बीएनसी) और पूर्वाञ्चल कैंसर अस्पताल ने संयुक्त रूप से एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया।
यह कार्यक्रम अस्पताल के सभागार में आयोजित हुआ, जहाँ विशेषज्ञों ने स्तन कैंसर के कारण, लक्षण और बचाव के उपायों पर विस्तृत जानकारी दी।
पूर्वाञ्चल कैंसर अस्पताल के सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग प्रमुख डा. मुक्ति देवकोटा ने बताया कि हर साल विश्वभर में करीब १० लाख से अधिक महिलाओं में स्तन कैंसर के नए मामले सामने आते हैं।
उनके अनुसार ४० वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं में यह बीमारी अपेक्षाकृत अधिक पाई जाती है।
डा. देवकोटा ने कहा कि वंशानुगत जीन परिवर्तन, हार्मोनल असंतुलन, स्तन की घनत्व में वृद्धि, और रेडिएशन थेरेपी का प्रभाव स्तन कैंसर के प्रमुख जोखिम कारक हैं।
उन्होंने कहा, “हर गांठ कैंसर नहीं होती, लेकिन किसी भी असामान्य परिवर्तन को तुरंत जांचना चाहिए।”
अस्पताल के जनसंपर्क अधिकारी प्रमिस गिरी ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में कैंसर के मामले तेजी से बढ़े हैं और इसीलिए ऐसे जागरूकता कार्यक्रम समाज के लिए अत्यंत आवश्यक हैं।
पिछले वर्ष अस्पताल में १,११९ नए कैंसर मरीजों का उपचार किया गया था।
कार्यक्रम की अध्यक्ष और अस्पताल की संस्थापक अंजली कार्की प्रसाई ने कहा कि समाज में प्रचलित “कैंसर होने के बाद जीवन समाप्त हो जाता है” जैसी भ्रांतियों को तोड़ना हम सबकी जिम्मेदारी है।
स्वास्थ्य बीमा बोर्ड की प्रतिनिधि लक्ष्मी कंडेल, इनर व्हील क्लब की अध्यक्ष लूना शिवाकोटी, और डा. ज्योति भाजु लामा ने भी अपने विचार रखे।
डा. लामाने बताया कि एचपीवी वैक्सीन ९ से १३ वर्ष की बालिकाओं को लगाने से गर्भाशय ग्रीवा कैंसर से बचाव संभव है।
इस कार्यक्रम में बिर्तामोड के विभिन्न महिला समूहों की 70 से अधिक महिलाओं की सक्रिय भागीदारी रही।
आयोजकों ने विश्वास जताया कि ऐसे कार्यक्रमों से महिलाएं न केवल जागरूक बल्कि आत्मनिर्भर भी बनेंगी।
पूर्वाञ्चल कैंसर अस्पताल वर्तमान में “मुस्कुराता नया जीवन” के नारे के साथ कैंसर मरीजों के उपचार और पुनर्वास में निरंतर सेवा दे रहा है।

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