‘आमादेर पाड़ा, आमादेर समाधान’ बढ़ाया गया

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अलीपुरद्वार: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि ‘आमादेर पाड़ा, आमादेर समाधान’ योजना के तहत प्रत्येक बूथ को १० लाख रूपये का आवंटन किया गया है, जिसकी कुल राशि करीब ८,००० करोड़ है। यह कार्यक्रम आपदा-प्रभावित जिलों में आधार और दस्तावेज़ी कार्य पूरे करने के लिए इसे बढ़ाया जाएगा। ममता बनर्जी ने स्पष्ट किया कि राजनीति नहीं, राहत और पुनर्निर्माण ही उनकी प्राथमिकता है। ९० % बूथ पूरा हो गया है। करीब २.२ करोड़ से अधिक लोग आये हैं। जारी प्रेस रिलीज में कहा गया है कि एपीएएस को लोगों के और करीब लाने के लिए ३ नवंबर २०२५ तक ३१,७०० से अधिक शिविर आयोजित किए जाने हैं। लगभग ९०% मतदान केंद्रों को कवर करते हुए २८,२९९ शिविर आयोजित किए जा चुके हैं।
इन शिविरों में नागरिकों को अपने स्थानीय मुद्दों और विकास की जरूरतों को साझा करने का अवसर दिया गया। इसके माध्यम से लोगों की समस्याएं सीधे शासन तक पहुंचीं और प्राथमिकता के आधार पर समाधान की दिशा में कदम उठाए गए। इस पहल के तहत राज्य सरकार ने ८,००० करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है। प्रत्येक केंद्र के लिए १० लाख रुपये का आवंटन तय किया गया है।
तृणमूल का दावा: तृणमूल कांग्रेस ने एक अहम दावा करते हुए कहा कि बंगाल सरकार की जन-केंद्रित योजना ‘आमादेर पाड़ा, आमादेर समाधान’ से प्रेरणा लेते हुए तमिलनाडु सरकार ने अपना अभियान ‘नम्मा ऊरु, नम्मा अरासु’ शुरू किया है। तृणमूल ने इसे पश्चिम बंगाल के जन-प्रथम दृष्टिकोण की राष्ट्रीय मान्यता करार दिया है। तृणमूल का कहना है कि यह मॉडल सहभागी शासन का उत्कृष्ट उदाहरण बन चुका है, जिसने न केवल लोगों की शिकायतों का समाधान किया बल्कि जनता के भरोसे को भी मजबूत किया।

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