न्यूयॉर्क: संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू
ने शुक्रवार को कहा कि उनकी सरकार हमास के खिलाफ लड़ाई को अंजाम तक पहुँचाएगी। उन्होंने वादा किया कि “काम पूरा किया जाएगा” और सैन्य अभियान को और तेज़ किया जाएगा।
उसी दिन गाज़ा सिटी और उसके आसपास हुए इज़राइली हवाई हमलों में कम से कम ६० लोगों की मौत हो गई। अल जज़ीरा की रिपोर्ट के अनुसार, मरने वालों में से ३० लोग गाज़ा सिटी के थे। हमले अल-वेहदा स्ट्रीट, शाती शरणार्थी शिविर, नसर मोहल्ला और पश्चिमी रिमाल आवासीय इलाके में हुए।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, रिमाल इलाके पर हमला बिना किसी चेतावनी के किया गया। अल जज़ीरा के पत्रकार इब्राहिम अल-खलीली ने बताया कि स्थानीय लोग मलबे से ज़िंदा लोगों को निकालने की कोशिश कर रहे थे जबकि मेडिकल टीमें शवों और घायलों को अस्पताल ले जा रही थीं।
संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टेफ़न दुजारिक ने कहा कि पिछले 24 घंटों में लगभग हर 8–9 मिनट पर हवाई हमला किया गया है, जिसका “नागरिकों पर विनाशकारी असर” पड़ा है।
इसके अलावा, गाज़ा में सहायता सामग्री पाने की कोशिश कर रहे 13 लोगों की भी शुक्रवार को मौत हो गई। बताया गया कि ये केंद्र विवादास्पद जीएचएफ संगठन द्वारा चलाए जाते हैं, जिसे इज़राइल और अमेरिका का समर्थन प्राप्त है।
लगातार हमलों और नाकाबंदी के चलते गाज़ा में मानवीय संकट और भी गंभीर होता जा रहा है। अस्पताल, स्कूल और आवासीय इमारतें प्रभावित हुई हैं और अंतर्राष्ट्रीय संस्थाएँ चेतावनी दे रही हैं कि स्थिति “मानवता से परे” पहुँच चुकी है।