सिलीगुड़ी: सिलीगुड़ी नगर निगम ने वार्ड संख्या १४ की पार्षद श्राबनी दत्ता को वार्डवासियों से विवाद के चलते महापौर परिषद पद से निष्कासित कर दिया है। आरोप है कि उन्होंने नशे में स्थानीय निवासियों के साथ अभद्र व्यवहार किया। इसके बाद राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मच गया।सिलीगुड़ी नगर निगम में एक आपातकालीन प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर महापौर गौतम देब ने कहा कि पार्टी के आदेश और नगर बोर्ड के फैसले पर श्राबनी दत्ता को पद से हटा दिया गया है।
उन्होंने कहा, “वार्डवासियों के साथ एक पार्षद का ऐसा व्यवहार कभी स्वीकार नहीं किया जा सकता। पार्टी की छवि खराब होने पर कड़ी कार्रवाई करना हमारी नीति है।” महापौर ने यह भी कहा कि फिलहाल उस पद की जिम्मेदारी किसी अन्य महापौर पार्षद को सौंपी गई है। साथ ही, वार्डवासियों की शिकायतों की जांच के बाद भविष्य में आगे की कार्रवाई की जाएगी।स्थानीय सूत्रों ने बताया है कि हाल ही में एक समारोह में, श्रावणी दत्ता ने नशे में स्थानीय लोगों के साथ दुर्व्यवहार किया और वार्ड के कुछ निवासियों के साथ उनकी बहस भी हुई। जैसे-जैसे यह घटना तेज़ी से फैली, मामला पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के संज्ञान में आया।
नगर निगम के सूत्रों के अनुसार, इस फैसले से पार्टी का अनुशासन और मज़बूत होगा और वार्ड निवासियों के साथ संबंध बेहतर होंगे। वहीं, इस घटना के बाद से राजनीतिक गलियारों में गरमागरम चर्चाएँ शुरू हो गई हैं।एक शब्द में कहें तो, पार्टी की छवि को बनाए रखने के लिए, सिलीगुड़ी नगर निगम ने पार्षद श्रावणी दत्ता पर कड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें निष्कासित कर दिया है। अब सवाल उठता है कि दिलीप बर्मन पर कारवाई क्यों नहीं?