जनकपूर: नेपाल सरकार के कानून, न्याय तथा संसदीय मामिला मंत्री अजय चौरसिया ने कहा कि नेपाल–भारत का सम्बन्ध केवल राजनीतिक या कूटनीतिक सीमाओं में बँधा हुआ नहीं है, बल्कि यह वैवाहिक, धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक आत्मीयता पर आधारित सम्बन्ध है।
बीरगंज में आयोजित “इंडो–नेपाल क्रॉस–बॉर्डर मीडिया कंक्लेव” का उद्घाटन करते हुए मंत्री चौरसिया ने अंग्रेजी शासन के विरुद्ध चले आन्दोलन में नेपाल–भारत के ऐतिहासिक सहयोग को स्मरण करते हुए कहा कि दोनों देशों ने सुख–दुःख की हर घड़ी में एक-दूसरे का साथ दिया है। उन्होंने कहा, “कभी–कभी सीमा या सुरक्षा के विषय पर तनाव उत्पन्न होता है, लेकिन उसे सहज बनाने में सकारात्मक पत्रकारिता की भूमिका महत्त्वपूर्ण होती है।”
उन्होंने बल दिया कि सीमासम्बन्धी समाचार लिखते समय पत्रकारों को सत्य और तथ्य के प्रति प्रतिबद्ध रहना चाहिए, क्योंकि आमजन में पत्रकारिता पर सर्वाधिक विश्वास होता है। पर्यावरणीय संकट का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन और चुरे क्षेत्र के विनाश का असर प्रत्यक्ष दिखाई देने लगा है, जिस पर दोनों देशों के पत्रकारों को भी कलम चलाना चाहिए।
समापन सत्र में खानेपानी मंत्री प्रदीप यादव ने नेपाल–भारत सम्बन्ध को “रोज़ीरोटी, बेटी–रोटी और बहुआयामिक सम्बन्ध” की संज्ञा देते हुए आग्रह किया कि इसे केवल दिल्ली या काठमांडू की राजनीतिक दृष्टि से न देखा जाए। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के नागरिक स्वयं सीमा की सुरक्षा करने की स्थिति में हैं और पत्रकारिता इस सम्बन्ध को और गहराई प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
पूर्व राजदूत विजय कान्त कर्ण ने नेपाल–भारत सम्बन्ध को अद्वितीय आत्मीयता का उदाहरण बताते हुए कहा कि इसे और मजबूत बनाने में पत्रकारों की जिम्मेदारी अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। नेपाल पत्रकार महासंघ के पूर्व अध्यक्ष धर्मेन्द्र झा ने पत्रकारिता को “शांति और सहयोग का पुल” बताते हुए आग्रह किया कि सीमासम्बन्धी विवादों को समाधानमुखी दृष्टिकोण से प्रस्तुत किया जाए।
वरिष्ठ पत्रकार हस्त गुरुङ ने कहा कि संवेदनशील समाचार लेखन में विशेष सतर्कता आवश्यक है, क्योंकि समाचार की शैली भी विश्वास निर्माण की शक्ति रखती है।
कार्यक्रम में दोनों देशों के पत्रकारों ने संयुक्त रिपोर्टिंग को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता पर बल दिया और यह सुझाव रखा कि गलत या अपुष्ट समाचार से उत्पन्न होने वाली संवेदनशीलता को कम करने के लिए सशक्त सूचना संयन्त्र का विकास होना चाहिए।
मीडिया फॉर–बॉर्डर हार्मोनी के अध्यक्ष अनिल तिवारी की अध्यक्षता तथा रितेश त्रिपाठी के संचालन में सम्पन्न कार्यक्रम के अन्त में १७ बिन्दुओं वाला “बीरगंज घोषणापत्र” जारी किया गया। आयोजकों ने आशा व्यक्त की कि यह घोषणापत्र नेपाल–भारत के बीच पत्रकारिता के माध्यम से सहयोग को संरचनागत और परिणाममुखी बनाने में मार्गदर्शन करेगा।