मस्को: रूस ने यूक्रेन पर पश्चिमी कुर्स्क क्षेत्र में ड्रोन से हमले करने का आरोप लगाया। हमले के बाद परमाणु ऊर्जा संयंत्र में आग लग गई। यूक्रेन ने रूस पर यह हमला ऐसे वक्त में किया है जब वह आजादी के ३४ साल पूरे होने का जश्न मना रहा है।
रूस के अधिकारियों ने बताया कि रात भर हुए हमलों में कई बिजली और ऊर्जा संयंत्रों को निशाना बनाया गया। संयंत्र की प्रेस सेवा ने सोशल मीडिया मंच ‘टेलीग्राम’ पर कहा कि परमाणु संयंत्र में लगी आग को तत्काल बुझा दिया गया और इसमें किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। हमले में एक ट्रांसफॉर्मर क्षतिग्रस्त हो गया हालांकि, विकिरण का स्तर सामान्य सीमा के भीतर है।
सैन्य कार्रवाई के कारण लगी आग:
वहीं दूसरी तरफ संयुक्त राष्ट्र के परमाणु निगरानी निकाय ने कहा कि उसे मीडिया से जानकारी मिली है कि संयंत्रों में एक ट्रांसफॉर्मर में ‘सैन्य कार्रवाई के कारण’ आग लग गई थी, लेकिन उसे इसकी पुख्ता जानकारी नहीं है। पोस्ट में कहा गया कि परमाणु निगरानी निकाय के महानिदेशक राफेल मारियानो ग्रॉसी का मानना है कि प्रत्येक परमाणु संयंत्र की हर वक्त सुरक्षा की जानी चाहिए।
कई यूक्रेनी ड्रोन मार गिराए गए:
यूक्रेन ने कथित हमले पर कोई टिप्पणी नहीं की। रूस के लेनिनग्राद क्षेत्र में उस्त-लुगा बंदरगाह पर भी यूक्रेन के हमले के बाद आग लग गई। क्षेत्रीय गवर्नर ने बताया कि लगभग १० यूक्रेनी ड्रोन मार गिराए गए और उसी मलबे से आग लगी।
रूसी रक्षा मंत्रालय ने दावा किया कि उसकी हवाई रक्षा प्रणालियों ने रविवार रात तक रूसी क्षेत्र में ९५ यूक्रेनी ड्रोनों को रोका। यूक्रेन की वायु सेना ने बताया कि रूस ने रविवार रात भर ७२ ड्रोन और एक क्रूज़ मिसाइल दागी, जिनमें से ४८ ड्रोन या तो मार गिराए गए या उन्हें लक्ष्य तक पहुंचने नहीं दिया गया।
कैसे ट्रंप करवाएंगे शांति?
इस बीच अब ये सवाल उठने लगे हैं कि एक तरफ डोनाल्ड ट्रंप रूस और यूक्रेन में शांति समझौता करवाना चाहते हैं लेकिन यूक्रेन और रूस रूकने का नाम नहीं ले रहे हैं। क्योंकि बीते सप्ताह ट्रंप ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से युद्ध को रोकने के लिए मुलाकात की थी लेकिन अब सब फेल होता दिख रहा है। वहीं यूक्रेन की तरफ से रूस पर की गई ये कार्रवाई आग में घी का काम करेगा। क्योंकि रूस भी अब यूक्रेन पर बड़ा पलटवार कर सकता है।