कोलकाता: राज्य में २४३८६ मतदाताओं का पता नहीं चलने के कारण उनके एपिक कार्ड वापस लौट आये हैं। बताया गया कि इस तरह के सबसे अधिक एपिक कार्ड उत्तर २४ परगना (६९८१) में हैं जबकि सबसे कम एपिक कार्ड कलिम्पोंग (१७) जिले में है। तकरीबन १५ लाख एपिक कार्ड डिस्पैच की प्रक्रिया में हैं। सीईओ कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि स्थानीय पोस्ट ऑफिस से एपिक कार्ड कुल ३ बार घरों में भेजे जाते हैं, लेकिन व्यक्ति का पता नहीं चल पाने की स्थिति में घर के पास ७ दिनों के अंदर पोस्ट ऑफिस से कार्ड लेने के लिए नोटिस चिपकायी जाती है। ७ दिनों में भी कोई व्यक्ति नहीं आता है तो फिर ईआरओ (इलेक्टॉरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर) के पास एपिक कार्ड वापस भेज दिये जाते हैं। ऐसे ही कुल २४३८६ एपिक कार्ड फिलहाल ईआरओ के पास हैं।
किस जिले में कितने एपिक कार्ड हैं जिनकी नहीं हो पायी है डिलीवरी:
जिला : एपिक कार्ड की संख्या:
उत्तर २४ परगना: ६९८1
दक्षिण २४ परगना: ४८७९
कोलकाता उत्तर: ८१९
काेलकाता दक्षिण: ५०३
हावड़ा: १५३७
हुगली: २३१२
पश्चिम मिदनापुर: १०८७
पश्चिम बर्दवान: १
६ महीने तक रखना होगा रिकॉर्ड:
एपिक कार्ड की डिलीवरी के बाद परिवार के सदस्य द्वारा किये गये हस्ताक्षर का रिकॉर्ड जीपीओ में ६ महीने तक रखना होता है जिसके बाद इसे नष्ट कर दिया जाता है। हालांकि अब जीपीओ से हस्ताक्षर का रिकॉर्ड सीईओ कार्यालय में लाकर इसे संरक्षित किया जायेगा। सीईओ, पश्चिम बंगाल, मनोज कुमार अग्रवाल ने बताया, ‘लोगों तक एपिक कार्ड १० दिनों में पहुंच जाये, इस पर काम किया जा रहा है। अगले ३ से ४ महीने के अंदर लोग एपिक कार्ड की लाइव ट्रैकिंग कर सकेंगे। इसके बाद डिजिटल कार्ड को लेकर कोई समस्या नहीं होगी।’
६ लाख एपिक कार्ड हैं प्रिंटिंग प्रेस में:
ये आंकड़े ऐसे समय में सामने आये हैं जब मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार यह कह चुके हैं कि पश्चिम बंगाल में उचित समय पर एसआईआर किया जायेगा। बताया गया कि तकरीबन १५ लाख एपिक कार्ड वितरण करने की प्रक्रिया में हैं। कई प्रिंट हो चुके हैं तो कई प्रिंट करवाये जा रहे हैं। तकरीबन ६ लाख एपिक कार्ड सरस्वती प्रेस में हैं जिन्हें आगामी १ सितम्बर के बाद से डिलीवर किया जायेगा।