२६ साल बाद मोहम्मद दिलशाद गिरफ्तार

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नई दिल्ली: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने सऊदी अरब में १९९९ में हुई एक हत्या के मामले में २६ साल से अधिक समय से फरार एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। इस बात की जानकारी एक अधिकारी ने शनिवार को दी।
मोहम्मद दिलशाद को ११ अगस्त को इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उस समय गिरफ्तार किया गया, जब वह नाम बदलकर और नए पासपोर्ट के साथ मदीना से जेद्दा होते हुए लौटा। अधिकारियों के अनुसार, रियाद में मोटर मैकेनिक और सुरक्षा गार्ड के रूप में काम करने वाले दिलशाद ने १९९९ में अपने कार्यस्थल पर एक व्यक्ति की कथित तौर पर हत्या कर दी थी।
सऊदी को चकमा देकर भारत लौटा:
अधिकारियों के मुताबिक वह सऊदी अरब के अधिकारियों को चकमा देकर भारत भाग आया। जहां उसने फर्जी तरीके से एक नई पहचान हासिल की और पासपोर्ट बनवा लिया। उन्होंने कहा कि दिलशाद नए पासपोर्ट का इस्तेमाल करके कानून प्रवर्तन एजेंसियों से बचता रहा और वह इस दौरान अक्सर खाड़ी देशों की यात्रा करता रहा।
अधिकारियों ने कहा कि सऊदी अरब के अनुरोध पर अप्रैल २०२२ में सीबीआई ने फरार आरोपी का पता लगाने और स्थानीय स्तर पर मुकदमा चलाने के लिए मामले को अपने हाथ में लिया।
अधिकारियों ने कहा कि संघीय जांच एजेंसी ने उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में दिलशाद के पैतृक गांव का पता लगाया, जिसके बाद एक लुक-आउट सर्कुलर (एलओसी) जारी किया गया। उन्होंने बताया कि हालांकि, यह तरीका कारगर साबित नहीं हुआ क्योंकि एलओसी उसके पुराने दस्तावेजों के आधार पर जारी किया गया था, इसलिए वह अंतरराष्ट्रीय यात्रा करता रहा।
ऐसे हुआ दिलशाद का खुलासा:
इस मामले पर सीबीआई की एक प्रवक्ता ने कहा कि जांच के दौरान पता चला कि दिलशाद धोखे से हासिल की गई पहचान के आधार पर कतर, कुवैत और सऊदी अरब की यात्रा करता था। उन्होंने बताया कि एजेंसी ने कई तकनीकी सुराग और खुफिया जानकारी जुटाई, जिससे नए पासपोर्ट का पता लगाने में मदद मिली और नतीजतन एक नया एलओसी जारी किया गया।
उन्होंने बताया कि इस बात से अनजान दिलशाद ११ अगस्त को मदीना से जेद्दा होते हुए इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आसानी से पहुंच गया। उसके पहुंचने पर, आव्रजन विभाग ने सीबीआई को सूचित किया और आरोपी को हिरासत में ले लिया गया।

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