मॉस्को: रूस ने रक्षा क्षेत्र में एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। रूस के दक्षिणी संघीय विश्वविद्यालय (एसएफयु) के छात्रों ने दुनिया का पहला प्रशिक्षण प्लेटफ़ॉर्म सिम्युलेटर विकसित किया है। यह एंटी-ड्रोन राइफल्स और ड्रोन डिटेक्शन सिस्टम के साथ काम करने में मदद करेगा।
यह सिम्युलेटर प्लेटफ़ॉर्म एक आभासी युद्ध परिदृश्य बनाता है। इसका वातावरण युद्ध जैसा दिखता है। यह ड्रोन प्रशिक्षण के लिए बहुत उपयोगी है।
यह कैसे काम करेगा?
इस प्रकार का प्रशिक्षण ड्रोन की नई तकनीक को समझने और युद्ध में ड्रोन का बेहतर उपयोग करने के लिए दिया जाता है। उदाहरण के लिए, युद्ध में एंट्री ड्रोन गन, डिटेक्टर और ड्रोन का उपयोग कैसे करें? यह सब इस सिम्युलेटर प्लेटफ़ॉर्म की मदद से सीखा जा सकता है।
युद्ध प्रशिक्षण
हालाँकि, यह सिम्युलेटर युद्ध की एक आभासी दुनिया बनाता है। इसे बनाने के लिए एक गेम इंजन का उपयोग किया गया है। इसका उद्देश्य प्रशिक्षण को यथासंभव यथार्थवादी बनाना है।
इसका क्या लाभ होगा?
इस प्रोग्राम की मदद से सैनिक वास्तविक युद्ध कौशल विकसित करते हैं।
बताया जा रहा है कि एंटी-ड्रोन राइफल का सही इस्तेमाल किया जा सकेगा। ऐसे डिटेक्टर उन्हें युद्ध में बेहतर ढंग से काम करने में सक्षम बनाएंगे। इससे युद्ध के तनावपूर्ण माहौल में त्वरित और सही निर्णय लेने की क्षमता विकसित होगी।
प्रशिक्षण के बाद परीक्षण
इस प्रणाली का न केवल व्यावहारिक बल्कि सैद्धांतिक भाग भी है। इसका परीक्षण भी किया जाएगा। इस दौरान सैनिकों को वीडियो और वास्तविक युद्ध का प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्हें कम समय में सही निर्णय लेने का तरीका सिखाया जाएगा।