एआई कामकाजी वर्ग के लिए खतरा, इन कामाें पर ये करेगा असर: बिल गेट्स

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न्यूयॉर्क: हाल के दिनों में एआई ने काफी तरक्की की है। माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक और अरबपति बिल गेट्स ने भी इस बारे में बात की है।
बिल गेट्स ने कहा कि वह भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की प्रगति से हैरान हैं। लेकिन उन्होंने कहा कि यह तकनीक अभी तक सबसे कठिन कोडिंग कार्यों में इंसानों की बराबरी नहीं कर पाई है।
मुश्किल कार्यों में एआई पीछे
बिल गेट्स ने कहा कि इंसान कोडिंग की बात करते हैं, लेकिन एआइ सरल कोडिंग कार्य भी कर सकता है। लेकिन उन्होंने कहा कि सबसे कठिन कार्यों में एआइ अभी भी बहुत पीछे है। इस पर विशेषज्ञों की अलग-अलग राय है। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि यह एक-दो साल में पूरी तरह बदल जाएगा। कुछ का मानना है कि इसमें एक दशक से भी ज़्यादा समय लग सकता है।
लेकिन एआई की इतनी तेज़ प्रगति ने बिल गेट्स को वाकई हैरान कर दिया है। उन्होंने कहा कि वह एआई से हर दिन कुछ कठिन सवाल पूछते हैं और एआई न सिर्फ़ सही जवाब देता है बल्कि उसका सारांश भी प्रस्तुत करता है।
एआई का इन नौकरियों पर असर:
गेट्स ने एआई के नौकरियों पर पड़ने वाले असर के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि एआई टेलीसेल्स या टेली-सपोर्ट जैसी नौकरियों में इंसानों की जगह ले सकता है। यह न केवल सस्ता है, बल्कि ज़्यादा कुशलता से काम भी करता है। उन्होंने कहा कि एआई उन नौकरियों को भी प्रभावित कर सकता है जिनमें पैटर्न पहचान की ज़रूरत होती है, जैसे पैरालीगल या शुरुआती स्तर के अकाउंटेंट
एआई मज़दूर वर्ग के लिए एक ख़तरा है:
विल गेट्स ने ब्लू-कॉलर नौकरियों पर भी अपनी राय रखी। यह कहते हुए कि रोबोटिक आर्म्स अभी उतने अच्छे नहीं हैं, गेट्स ने कहा कि जैसे-जैसे इनमें सुधार होगा, हम इस क्षेत्र में बड़े बदलाव देख सकते हैं। जो लोग नहीं जानते, उनके लिए बता दें कि ब्लू-कॉलर नौकरियां वे नौकरियां हैं जिनमें शारीरिक श्रम शामिल होता है। जैसे विनिर्माण, निर्माण, खनन और कृषि आदि।

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