कोशी में लिम्बु और मैथिली भाषाओं को मान्यता

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बिर्तामोड़: कोशी प्रदेश में लिम्बु और मैथिली को सरकारी कामकाज की भाषा बनाने की तैयारी चल रही है। भाषा आयोग द्वारा दिए गए निर्देशन अनुसार कोशी प्रदेश सरकार ने लिम्बु और मैथिली भाषा को सरकारी कामकाज के भाषा के रूप में प्रयोग करने की तैयारी कर ली है।
कोशी प्रदेश मंत्रिपरिषद् की बैठक ने ‘कोशी प्रदेश में सरकारी कामकाज के भाषा सम्बन्ध में व्यवस्था करने के लिए बने विधेयक, २०८२’ को प्रदेश सभा में पेश करने की स्वीकृति देने का निर्णय किया है।
भाषा आयोग ने कोशी प्रदेश में लिम्बु और मैथिली भाषा को कामकाज की भाषा बनाने का प्रदेश सरकार को निर्देशन दिया था। विधेयक पारित होने के बाद प्रदेश में नेपाली भाषा के अतिरिक्त लिम्बु भाषा और मैथिली भाषा में भी सरकारी कामकाज की भाषा के रुप में मान्यता दी जाएगी। महागुरु फाल्गुनन्द के जन्म जयन्ती के अवसर पर आगामी बि सं. कात्तिक २५ से उक्त कानून कार्यान्वयन में लाए जाने की कोशी प्रदेश के आन्तरिक मामिला तथा कानून मंत्री रेवतीरमण भण्डारी ने जानकारी दी है।
मंत्री भंडारी ने जानकारी दी कि बैठक में प्रदेश के आधिकारिक कागजात, लेटरपेड, बोर्ड आदि पर ‘कोशी प्रदेश सरकार, विराटनगर नेपाल’ लिखने का निर्णय लिया है। साथ ही प्रदेश के नाम में स्पष्टता लाने के उद्देश्य से नाम में परिमार्जन करने का निर्णय लिया गया है। इससे पहले ‘प्रदेश सरकार, कोशी प्रदेश विराटनगर’ लिखा जाता था।

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