कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) आज यानी २१ जुलाई को कोलकाता में अपनी वार्षिक शहीद दिवस रैली आयोजित कर रही है। इस दौरान रैली को बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और टीएमसी के नेता अभिषेक बनर्जी ने संबोधित किया।महाराष्ट्र में छिड़े हिंदी-मराठी भाषा विवाद के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने सोमवार को बांग्ला कार्ड खेला। ममता बनर्जी बीजेपी शासित राज्यों में बंगाली बोलने वाले प्रवासियों का मुद्दा उठाया। कोलकाता में आयोजित टीएमसी की शहीद दिवस रैली वह रौद्र रूप में नजर आईं। उन्होंने कहा कि हम सभी भाषाओं को प्यार करते हैं चाहे वह हिंदी हो, गुजराती हो, मराठी हो, राजस्थानी हो। ममता बनर्जी ने कहा कि पश्चिम बंगाल के लोगों ने स्वतंत्रता आंदोलन में बड़ी भूमिका निभाई थी। आजादी का लड़ाई में बांग्ला का इस्तेमाल हुआ।
नवजागरण में इस्तेमाल हुआ। पश्चिम बंगाल के लोग जो कर सकते हैं, वह कोई और नहीं कर सकता। ममता बनर्जी ने गुस्से में पूछा कि आप बंगाली भाषा पर संताप (हमला) क्यों कर रहे हैं? ममता बनर्जी ने कहा कि अगर बंगाली बोलने वालों को दूसरे राज्यों में अरेस्ट किया गया तो मैं चुप नहीं रहूंगी। दिल्ली से लडूंगी। ममता बनर्जी ने भाषा आंदोलन शुरू की अपील की।मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि पिछले ३३ सालों से हम इस दिन को लोकतंत्र दिवस के रूप में शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मनाते आ रहे हैं। उस दिन इन सड़कों पर खून बहा था। तेरह अनमोल जिंदगियों ने लोकतंत्र की जीत के लिए अपना खून बहाया था।
यह संघर्ष जारी रहेगा. यह संघर्ष तभी समाप्त होगा जब हम बीजेपी को केंद्र से बेदखल कर देंगे। दरअसल, २१ जुलाई १९९३ एक प्रदर्शन के दौरान कोलकाता में 13 लोगों की मौत हो गई थी। ममता बनर्जी ने बिहार में चुनाव आयोग की ओर से कराए जा रहे वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर बीजेपी पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि जो बिहार में ईसी ने किया है, वही बंगाल में भी करना चाह रहे हैं। बिहार में लोगों का नाम काटा गया है। हम नाम नहीं कटने देंगे और बंगाल में घेराव करेंगे। ये बीजेपी और चुनाव आयोग की साजिश है। केंद्र सरकार ने बीजेपी शासित राज्यों को एक नोटिफिकेशन जारी करके कहा है कि अगर कोई संदिग्ध मिले तो उसे एक महीने के लिए जेल में रखें और डिटेंशन कैंप बना दें। जेलों में एक हजार से ज्यादा लोग डाले गए हैं।

बीजेपी बंगाली का विरोध क्यों कर रही है? ममता
बंगाल सीएम ने कहा कि हम हिंदी, मराठी, गुजराती सभी भाषा को प्यार करते हैं, लेकिन बीजेपी बंगाली का विरोध क्यों कर रही है? जरूरत पड़ी तो फिर से भाषा आंदोलन होगा। ममता ने टीएमसी कार्यकर्ताओं से कहा कि तृणमूल जब पैदा हुई थी, तब कहा गया था कि इसे गाय खा जाएगी. तृणमूल को खत्म करना इतना आसान नहीं है।जो लोग सोचते हैं कि ममता-अभिषेक-तृणमूल को गाली देकर बच निकलेंगे, वे ऐसा नहीं कर पाएंगे। अब अगर कोई तुम्हें चोर कहे, तो तुम जवाब में कहोगे कि तुम चोर और लुटेरे हो। ये तो कोयले और गाय से पैसा खाने वाले लोग हैं।उन्होंने बंगाल के स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान की भी याद दिलाई और कहा, “जो काम बंगाल के लोग कर सकते हैं, वो कोई और नहीं कर सकता!”ममता दीदी ने इस दौरान भाषा को लेकर जारी विवाद के बीच बंगाली भाषा के अपमान और विरोध का मुद्दा उठाया।
इसके साथ ही बिहार विधानसभा चुनाव के लिए वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन प्रोसेस को लेकर चुनाव आयोग को भी निशाने पर लिया। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाषा को लेकर जारी विवाद पर कहा, “हम हिंदी, मराठी, गुजराती सभी भाषा को प्यार करते हैं लेकिन आप (बिजेपी) बंगाली का विरोध क्यों कर रही है? जरूरत पड़ी तो फिर से भाषा आंदोलन होगा।” ममता बनर्जी ने टीएमसी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, “तृणमूल जब पैदा हुई थी, तब कहा गया था कि इसे गाय खा जाएगी। तृणमूल को खत्म करना इतना आसान नहीं है।” ‘बीजेपी और टीएमसी की आमनी-सामनी लड़ाई’टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा कि बीजेपी और तृणमूल आमने-सामने की लड़ाई लड़ रहे हैं। फर्क इतना है कि बीजेपी पेगासस का इस्तेमाल करके भी नहीं जीत पाई. ये बीजेपी बंगाली विरोधी है, उत्तरी कोलकाता में विद्यासागर की मूर्ति और रवींद्रनाथ टैगोर को वामपंथी बता रही है।
बंगाली में बोलने में क्या दिक्कत है? क्योंकि वो यहां जीते नहीं हैं? मैंने कहा था कि बीजेपी 50 पार नहीं करेगी। मैं ये जिम्मेदारी से कह रहा हूं, जिस तरह से वो बंगाल के लोगों का अपमान कर रहे हैं… जो बचे हैं उन्हें भी बहाकर बंगाल की खाड़ी में फेंक देना चाहिए। ममता बनर्जी ने विपक्षी दलों और मुख्यतः बीजेपी पर हमलावर होते हुए कहा, “जो लोग सोचते हैं कि ममता-अभिषेक-तृणमूल को गाली देकर बच निकलेंगे, वे ऐसा नहीं कर पाएंगे। अब अगर कोई तुम्हें चोर कहे, तो तुम जवाब में कहोगे कि तुम चोर और लुटेरे हो।”
ममता बनर्जी ने कहा, “ये तो कोयले और गाय से पैसा खाने वाले लोग हैं।”

मै बीजेपी से ‘जय बांग्ला’ कहलवाऊंगा: अभिषेक
अभिषेक ने कहा, ‘मैं बंगाल की मतदाता सूची में हेराफेरी नहीं होने दूंगा. पहले बीजेपी वाले ‘जय श्री राम’ कहते थे, लेकिन आज वे ‘जय मां दुर्गा’, ‘जय मां काली’ कह रहे हैं. मेरे शब्दों पर ध्यान दीजिए, मैं उनसे ‘जय बांग्ला’ कहलवाऊंगा. १० महीनों में, वे ‘जय बांग्ला’ कहने लगेंगे. इस बार हम संसद में बंगाली में बोलेंगे. देखते हैं हमें कौन रोकता है. बीजेपी दो ‘ई’ चला रही है, जोकि मतदाताओं पर इसी और विपक्षी नेताओं पर इडि है।