कोलकाता: कोलकाता के पूर्व सीपी विनीत गोयल ने हाई कोर्ट में लिखित क्षमा याचना दाखिल की है। जस्टिस राजाशेखर मंथा के डिविजन बेंच ने क्षमा याचना को स्वीकार करते हुए इस बाबत चल रही सारी प्रोसिडिंग को बंद किए जाने का आदेश दिया। यहां उल्लेखनीय है कि आरजीकर रेप कांड के मामले में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने पीड़िता के नाम का उल्लेख कर दिया था।
इसका हवाला देते हुए एडवोकेट अनामिका पांडे की तरफ से एक पीआईएल दायर की गई थी। पूर्व सीपी की तरफ से पैरवी करते हुए एडवोेकेट संदीपन गांगुली ने इस पीआईएल की ग्रहणयोग्यता पर सवाल उठाया। उनकी दलील थी कि जिन्होंने पीआईएल दायर की है वे कोई जनसेवक नहीं हैं। वे एक एडवोकेट हैं और इस मामले को लेकर दायर एक पीआईएल में उन्होंने एडवोकेट की हैसियत से एपियर भी किया था। जस्टिस मंथा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत इस तरह के मामलों में पीड़िता का नाम नहीं लिया जाता है। जस्टिस मंथा ने कहा कि वह घटना बेहद दुर्भाग्यजनक और पीड़ाजनक थी। उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर लंबी कानूनी लड़ाई हुई है, लेकिन इस मामले से जुड़ा असली मुद्दे का अभी तक खुलासा नहीं हुआ है। पूर्व सीपी ने एक क्षमा याचना पत्र दिया है और इसके साथ ही यह मामला समाप्त हो जाता है।









