राष्ट्रपति ने राज्यसभा के लिए मनोनीत किए चार नाम

rajya-sabha-vs-lok-sabha-mp-difference-selection-process

सिलीगुड़ी: राष्ट्रपति मुर्मू ने राज्यसभा के लिए चार लोगों को मनोनीत किया है। इनमें सरकारी वकील उज्ज्वल देवराव निकम, केरल के वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता और शिक्षाविद् सी. सदानंदन मास्टर, भारत के पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला और प्रख्यात इतिहासकार एवं शिक्षाविद् मीनाक्षी जैन का नाम शामिल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की तरफ से राज्यसभा के लिए मनोनीत किए गए चारों लोगों को शुभकामनाएं दी।
जानकारी के मुताबिक, इसमें पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला, २६/११ मुंबई आतंकी हमले के मामले में विशेष लोक अभियोजक उज्जवल निकम, केरल भाजपा नेता सी सदानंदन मास्टर और इतिहासकार मीनाक्षी जैन का शामिल है।ये नामांकन पूर्व में नामित सदस्यों की सेवानिवृत्ति के कारण खाली पड़ी सीटों को मद्देनजर किए गए हैं।बता दें कि राष्ट्रपति मुर्मू ने संविधान के अनुच्छेद ८०(१)(क) के खंड (३) द्वारा उन्हें दी गई शक्तियों के अंतर्गत इन लोगों को राज्यसभा के लिए चुना है। भारत के राष्ट्रपति राज्यसभा के लिए १२ व्यक्तियों को मनोनीत कर सकते हैं। ये लोग कला, साहित्य और लोक सेवा के क्षेत्र में अपनी प्रतिष्ठा के लिए जाने जाते हैं।
अमेरिका, बांग्लादेश और थाईलैंड में राजदूत रहे हैं श्रृंगला:
हर्षवर्धन श्रृंगला पूर्व विदेश सचिव रहे हैं। उन्होंने पूर्व में संयुक्त राज्य अमेरिका, बांग्लादेश और थाईलैंड में राजदूत का पद भी संभाला है। उन्होंने २०२३ में भारत की जी20 अध्यक्षता के लिए मुख्य समन्वयक के रूप में भी कार्य किया है।
निकम ने मुंबई आतंकवादी हमलों के मामले में रखा सरकार का पक्ष:
उज्जवल देवराव निकम कानूनी क्षेत्र में एक जाना-माना नाम हैं। कई हाई प्रोफाइल मुकदमों को संभालने के लिए उन्हें जाना जाता है, इनमें २६/११ मुंबई आतंकवादी हमलों में अजमल कसाब का मुकदमा और १९९३ के बॉम्बे विस्फोट मामले शामिल हैं। उन्हें भारतीय जनता पार्टी ने २०२४ के आम चुनावों में मुंबई उत्तर मध्य लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया था।
१९९४ में माकपा वालों ने काट दिए थे सदानंदन मस्ते के पैर: राज्यसभा के लिए नामित किए गए सी. सदानंदन मस्ते केरल के भाजपा सदस्य हैं। वे पूर्व में शिक्षक रहे हैं। उन्हें भाजपा ने २०२१ के विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाया था। वहीं, सदानंदन को २५ जनवरी, १९९४ में राजनीतिक हिंसा के शिकार बनाया गया था। तब उनके पैतृक गांव पेरिंचरी के पास माकपा कार्यकर्ताओं ने उनके दोनों पैर काट दिए थे।
गार्गी कॉलेज में इतिहास की पूर्व एसोसिएट प्रोफेसर हैं मीनाक्षी जैनवहीं, राज्यसभा के लिए राष्ट्रपति मुर्मू द्वारा नामित की गई डॉ. मीनाक्षी जैन प्रख्यात इतिहासकार एवं शिक्षाविद् हैं। वे दिल्ली विश्वविद्यालय के गार्गी कॉलेज में इतिहास की पूर्व एसोसिएट प्रोफेसर रही हैं।

About Author

[DISPLAY_ULTIMATE_SOCIAL_ICONS]

Advertisement