गुवाहाटी: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शुक्रवार को स्वतंत्रता दिवस २०२४ पर असम भर में कई आईईडी विस्फोटों की कथित तौर पर योजना बनाने के लिए तीन लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया।
आरोप पत्र में नामित लोगों में परेश बरुआ भी शामिल है, जिसे परेश असम, कामरुज जमान खान, नूर-उज-जमान, जमान भाई, प्रदीप और पवन बरुआ जैसे विभिन्न उपनामों से भी जाना जाता है। वह प्रतिबंधित विद्रोही समूह उल्फा (आई) का अध्यक्ष और स्वयंभू कमांडर-इन-चीफ है। उसके साथ, एनआईए ने अभिजीत गोगोई (उर्फ ऐशंग असोम, रुमेल असोम और धनजॉय मोरन) और जाह्नू बरुआ (उर्फ अर्नब असोम और हंटू) के खिलाफ भी आरोप पत्र दायर किया है।
तीनों पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूए(पी)ए) और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं। एनआईए ने कहा कि आरोपी गुवाहाटी के दिसपुर लास्ट गेट पर एक इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) लगाने में शामिल थे, जो पूरे असम में सिलसिलेवार विस्फोट करके स्वतंत्रता दिवस समारोह को बाधित करने की उल्फा (आई) की बड़ी योजना का हिस्सा था। एजेंसी ने कहा कि योजनाबद्ध हमलों के पीछे का उद्देश्य जान-माल को नुकसान पहुंचाना और भारत की एकता, अखंडता और संप्रभुता को चुनौती देकर लोगों में भय पैदा करना था।