नई दिल्ली: अमेरिका और ईरान के बीच तनाव बढ़ने की संभावना के चलते कच्चे तेल की कीमतों में उछाल आया है। अमेरिका ने बुधवार को अमेरिकी सैन्यकर्मियों के परिवारों को मध्य पूर्व के देशों से लौटने की अनुमति दे दी।
मंगलवार को न्यूयॉर्क में दोपहर के कारोबार में अंतरराष्ट्रीय तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड ५प्रतिशत बढ़कर ७० डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। यूएस वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट भी अप्रैल के बाद से अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया।
डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कुछ घंटे पहले यह कहे जाने के बाद कि परमाणु समझौते को लेकर ईरान के साथ चल रही बातचीत में सफलता की बहुत कम उम्मीद है, कच्चे तेल की कीमतों में उछाल आया।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गैर-जरूरी कर्मियों को वापस बुलाने की पुष्टि करते हुए कहा, “अमेरिकी कर्मी मध्य पूर्व छोड़ रहे हैं। यह एक खतरनाक जगह हो सकती है। हम देखेंगे कि क्या होता है। ईरान के पास परमाणु हथियार नहीं हो सकता। हम ऐसा नहीं होने देंगे।”
अमेरिका ने चेतावनी दी है कि अगर कूटनीति विफल होती है तो वह ईरान को परमाणु हथियार प्राप्त करने से रोकने के लिए सैन्य विकल्पों पर विचार करेगा।
इजराइल ने भी ईरान के खिलाफ कार्रवाई करने की धमकी दी है। ईरान दशकों में अपने सबसे कमज़ोर दौर से गुज़र रहा है और इसराइल के पास हमला करने का मौक़ा है। ईरान के रक्षा मंत्री ने बुधवार को कहा कि उनका देश किसी भी हमले के जवाब में “बिना किसी हिचकिचाहट के” अमेरिकी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाएगा। इस टिप्पणी का तेल बाज़ारों पर सीधा असर पड़ा। ईरान के लिए नए परमाणु समझौते में शामिल होने की समयसीमा गुरुवार को समाप्त हो रही है। ट्रंप ने ईरान को इस समझौते में शामिल होने के लिए ६० दिन का समय दिया था।