दिसपुर: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने राज्य में बाल विवाह को पूरी तरह से खत्म करने के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। उन्होंने कहा कि असम सरकार का लक्ष्य २०२५ तक इस सामाजिक बुराई को मिटाना है। एक आधिकारिक बयान के अनुसार मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में बाल विवाह के खिलाफ उठाए गए कानूनी कदमों के कारण २०२१-२२से २०२३-२४ तक ३५ में से २० जिलों में ऐसी घटनाओं में ८१ प्रतिशत की गिरावट आई है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि रविवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की हाल ही में हुई बैठक में असम के बाल विवाह विरोधी अभियान की प्रशंसा की गई। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में केंद्रीय मंत्रियों, विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों और स्वयं प्रधानमंत्री मोदी ने असम सरकार के दृढ़ एवं सतत प्रयासों की सराहना की।
‘बाल विवाह समाप्त करने के लिए असम मॉडल अपनाएं’:
बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराइयों को मिटाने के लिए असम मॉडल अपनाने की अपील की। उन्होंने सुझाव दिया कि अधिकारी असम जाएं और स्वयं देखें कि वहां इस मुद्दे का प्रभावी ढंग से समाधान कैसे किया जा रहा है। सम्मेलन के दौरान मुख्यमंत्रियों ने जल संरक्षण, शिकायत निवारण, शिक्षा, महिला सशक्तिकरण और खेल जैसे विभिन्न क्षेत्रों में अपने-अपने राज्यों द्वारा अपनाए गए प्रभावी और नवीन उपायों को साझा किया।