नई दिल्ली: भारतीय सेना ने अपने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ अभियान के दौरान पाकिस्तान को ऐसी शिकस्त दी है कि वह आज भी उसे जख्म की तरह चुभ रही है। इस बीच एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है जिसमें कहा गया है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान चीन ने पाकिस्तान के लिए भारत पर जासूसी की और सैटेलाइट डेटा साझा किया। रक्षा मंत्रालय से संबद्ध थिंक टैंक सेंटर फॉर ज्वाइंट वारफेयर स्टडीज (सीजेडब्ल्यूएस) की इस रिपोर्ट में दो बड़े खुलासे हुए हैं।
यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब दोनों परमाणु शक्तियों के बीच संघर्ष फिलहाल शांत है और अब जब रिपोर्ट जारी हो गई है तो इसमें चीन की भूमिका को लेकर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं। रिपोर्ट से पता चलता है कि चीन ने पाकिस्तान को हराने की पूरी कोशिश की, लेकिन भारतीय सैन्य शक्ति के सामने उनकी दोनों युद्ध रणनीतियां विफल रहीं। भारतीय सेना ने न केवल आतंकवादी ठिकानों को नष्ट किया बल्कि अपने सटीक हमलों में कई शीर्ष आतंकवादियों को भी मार गिराया।
चीन ने पाकिस्तान की किस प्रकार मदद की?
रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने भारत की सैन्य तैनाती पर नजर रखने के लिए पाकिस्तान को अपनी वायु रक्षा और रडार प्रणालियों को पुनर्गठित करने में मदद की थी। इसके अतिरिक्त, २२ अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम पर हमले और उसके बाद की शत्रुता के दौरान, चीन ने १५ दिनों के भीतर पाकिस्तान की उपग्रह निगरानी प्रणाली को भारत पर बेहतर ध्यान केंद्रित करने में मदद की। थिंक टैंक सीजेडब्ल्यूएस के महानिदेशक मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) अशोक कुमार ने कहा, “चीन ने पाकिस्तान के रडार को इस तरह से तैनात किया है कि अगर हम कोई हवाई कार्रवाई करते हैं, तो पाकिस्तान को इसकी पहले ही जानकारी मिल जाएगी।”
पाकिस्तान का इनकार:
पाकिस्तान ने दावा किया है कि उसने केवल चीन से प्राप्त हथियारों का ही प्रयोग किया है। इसके अतिरिक्त, इस रिपोर्ट ने पाकिस्तानी दावों को भी उजागर कर दिया है। यह भी बताया गया है कि चीन ने पाकिस्तान को सामरिक, खुफिया और तकनीकी सहायता भी प्रदान की है।
रक्षा विश्लेषकों का कहना है कि चीन ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अपनी रक्षा प्रणाली का ‘लाइव फायर टेस्ट’ करार दिया है। हालाँकि, स्थिति के आकलन से पता चलता है कि चीन की कई प्रणालियाँ विफल हो चुकी हैं। रिपोर्ट के अनुसार, भारत का सुरक्षा नेटवर्क पाकिस्तान के ड्रोन-मिसाइल हमलों को प्रभावी ढंग से रोकने में पूरी तरह सक्षम है।