इडी ने कुर्क की १९३ करोड़ रुपये की संपत्ति

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नई दिल्ली: ईडी ने मंगलवार को कहा कि उसने गोवा में ‘जमीन हड़पने’के एक मामले में धनशोधन जांच के तहत १९३ करोड़ रुपये की नयी संपत्ति कुर्क की है। इस मामले में धोखेबाजों ने मृत व्यक्तियों के नाम पर ‘जाली’ दस्तावेज बनाकर महंगे भूखंड बेचे थे।
ईडी ने एक बयान में कहा कि धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत कलंगुट, अस्सागाओ, अंजुना, नेरुल और पारा क्षेत्रों समेत बारदेज़ तालुका में २४ अचल संपत्तियों को कुर्क करने का अंतरिम आदेश २५ अप्रैल को जारी किया गया। बारदेज तालुका में इन संपत्तियों और मुख्य पर्यटन स्थलों पर अन्य संपत्तियों को ‘जाली’ विक्रय विलेखों के जरिए या तो तीसरे पक्ष को बेच दिया गया या सहयोगियों के नाम कर दी गयी। ईडी ने कहा कि कुर्क की गयी संपत्तियों का बाजार मूल्य १९३.४९ करोड़ रुपये है।
धनशोधन का यह मामला गोवा पुलिस के एसआईटी द्वारा तटीय राज्य में ‘धोखाधड़ी’ और ‘अवैध’ तरीके से भूमि अधिग्रहण के संबंध में दर्ज की गयी प्राथमिकी पर आधारित है। एसआईटी ने जालसाजी, धोखाधड़ी से अचल संपत्तियां हड़पने को लेकर कुछ लोगों के खिलाफ ‘धोखाधड़ी’ और ‘अवैध’ तरीके से जमीन खरीद की प्राथमिकी दर्ज की थी। जांच में पाया गया कि धोखेबाजों ने मृत व्यक्तियों या पूर्वजों के नाम पर ‘जाली’ दस्तावेज/बिक्री विलेख बनाए।
ईडी का कहना है कि इन जाली दस्तावेजों को असली के रूप में पेश करते हुए उन्होंने धोखाधड़ी से अपने नाम या अपने सहयोगियों के नाम गोवा सरकार के भूमि रिकॉर्ड में डाल दिए। ईडी ने कहा कि इसके बाद ‘अवैध’ रूप से अर्जित इन संपत्तियों को बिक्री विलेखों के माध्यम से या तो तीसरे पक्ष को बेच दिया गया, जिससे उन्हें अपराध की आय हुई या उन्हें वास्तविक भुगतान के बिना सहयोगियों के नाम कर दिया। इस मामले में अब तक कुल २३२.७३ करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की जा चुकी है। ईडी ने २०२३ में ३९.२४ करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की थी। ईडी ने पिछले अप्रैल में गोवा के मापुसा में एक विशेष पीएमएलए अदालत के समक्ष इस मामले में आरोपपत्र दाखिल किया था।

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