नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को २६/११ मुंबई हमले के अभियुक्त तहव्वुर हुसैन राणा की एनआईए हिरासत १२ दिन के लिए और बढ़ा दी। विशेष एनआईए न्यायाधीश चंद्रजीत सिंह ने एनआईए के अनुरोध पर तहव्वुर राणा की हिरासत अवधि बढ़ा दी।
एनआईए ने तहव्वुर राणा को १८ दिन की रिमांड अवधि समाप्त होने के बाद अदालत में पेश किया तथा उसकी हिरासत १२ दिन के लिए और बढ़ाए जाने का अनुरोध किया। राणा को कड़ी सुरक्षा के बीच चेहरा ढककर अदालत में पेश किया गया। वरिष्ठ अधिवक्ता दयान कृष्णन और विशेष लोक अभियोजक नरेंद्र मान इस मामले में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
वहीं, दिल्ली विधिक सेवा प्राधिकरण के अधिवक्ता पीयूष सचदेवा राणा की ओर से पैरवी कर रहे हैं। अदालत ने अपने पिछले रिमांड आदेश में एनआईए को निर्देश दिया था कि वह राणा की हर २४ घंटे में चिकित्सा जांच कराए और उसे हर दूसरे दिन अपने वकील से मिलने की अनुमति दे। इसने राणा को केवल ‘सॉफ्ट-टिप पेन’ का उपयोग करने तथा एनआईए अधिकारियों की उपस्थिति में अपने वकील से मिलने की अनुमति दी, जो सुनने योग्य दूरी से बाहर होंगे। पिछली बार बहस के दौरान एनआईए ने कहा था कि साजिश के पूरे पहलू को उजागर करने के लिए तहव्वुर राणा की हिरासत की आवश्यकता है।
इसने कहा था कि १७ साल पहले हुई घटनाओं का पता लगाने के लिए उसे विभिन्न स्थानों पर ले जाना आवश्यक है। अमेरिकी उच्चतम न्यायालय ने मुंबई हमलों के मुख्य साजिशकर्ता डेविड कोलमैन हेडली उर्फ दाऊद गिलानी के करीबी सहयोगी राणा के भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ दायर उसकी पुनरीक्षण याचिका ४ अप्रैल को खारिज कर दी थी, जिसके बाद उसे भारत लाया गया था। छब्बीस नवंबर २००८ को १० पाकिस्तानी आतंकवादियों के एक समूह ने अरब सागर में समुद्री मार्ग से भारत की वित्तीय राजधानी में घुसपैठ करने के बाद एक रेलवे स्टेशन, दो लक्जरी होटलों और एक यहूदी केंद्र पर समन्वित हमले किए थे। लगभग ६० घंटे तक चले इन हमलों में १६६ लोग मारे गए थे।