काठमांडू: राष्ट्रीय स्वतन्त्र पार्टी (रास्वपा) के भीतर उपजे संकटों के बीच, प्रमुख सांसद तथा पूर्व शिक्षा मंत्री सुमना श्रेष्ठ ने बिहिबार पार्टी के सह–महामंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। श्रेष्ठ ने ऐसे समय में यह कदम उठाया है जब पार्टी अध्यक्ष रवि लामिछाने सहकारी धोखाधड़ी के अभियोग में जेल में हैं।
सूत्रों की माने तो भविष्य में श्रेष्ठ, उपाध्यक्ष स्वर्णिम वाग्ले तथा काठमांडू के स्वतन्त्र मेयर बालेन्द्र साह मिलकर एक नई राजनीतिक मोर्चा गठन करने की बात भी सामने आ रही है।
२०७९ के आम निर्वाचन के बाद संसद में प्रवेश कर एकाएक चौथी बड़ी शक्ति बनी रास्वपा अभी नेतृत्व संकट में फंसती दिख रही है। रास्वपा स्रोत अनुसार अपने इस्तीफा को लेकर श्रेष्ठ ने कहा है कि अपने सांसद की भूमिका में ज्यादा ध्यान केन्द्रित करना चाहती हूँ। इसलिए पार्टी के कार्यकारी पद से इस्तीफा दिया है। दिसंबर २०२३ में सह–महामंत्री नियुक्त हुई श्रेष्ठ ने कहा कि संसद में पार्टी की उपस्थिति को और अधिक मजबूत बनाने की ओर अपना ध्यान देंगी।
ये इस्तीफा अध्यक्ष लामिछाने के कानूनी समस्या के बीच आई है। सूत्रों के अनुसार वाग्ले, श्रेष्ठ और साह बीच नया राजनीतिक विकल्प की तलाश में गोप्य बैठक हुई है।
सूत्रों के अनुसार, लगभग एक महीना पहले वाग्ले और श्रेष्ठ ने काठमांडू के मेयर साह के साथ गोप्य मुलाकात की थी। इस मुलाकात में नई पार्टी गठन करने की संभावना और आगामी निर्वाचन को लक्षित कर रणनीति बनाने के विषयों में विमर्श हुई थी।
श्रेष्ठ का इस्तीफा, लामिछाने का कारावास और वाग्ले–शाह मुलकात की खबर इस बात को इंगित कर रही है कि रास्वपा के भीतर विभाजन हो सकता है।
नई पार्टी गठन होगी या नहीं ये अभी स्पष्ट नहीं है। लेकिन श्रेष्ठ का इस्तीफा देना और लामिछाने के कारावास ने रास्वपा भीतर के उथल पुथल को उजागर कर दिया है। अब आने वाले सप्ताह में या इस् महीने के भीतर ही रास्वपा इस संकट का व्यवस्थापन करेगी या नहीं इन बातों का निर्धारण होगा। ये भी हो सकता है कि ये पार्टी विभाजन और नई शक्ति के उदय का संकेत मात्र है।