काठमांडू: सहकारी, लघुवित्त और बैंकिंग धोखाधड़ी के कारण पीड़ित हुए नागरिकों की आवाज बुलंद करते हुए राष्ट्रीय मुक्ति पार्टी के अध्यक्ष एवं पूर्व उपप्रधानमंत्री राजेन्द्र महतो ने सरकार के रवैये पर कड़ा असंतोष व्यक्त किया है।
वित्तीय समस्या समाधान संयुक्त राष्ट्रीय अभियान (महासंघ) नेपाल के आह्वान पर शांति बाटिका में आयोजित विरोध कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अध्यक्ष महतो ने कहा, “अब पाप का घड़ा भर चुका है, यह कभी भी फूट सकता है।”
उन्होंने देश के विभिन्न हिस्सों से ठगे गए सहकारी, लघुवित्त और बैंक पीड़ितों को वर्षों से अन्याय का शिकार बताया और कहा, “सड़क पर आंदोलित जनता गरीब है, पीड़ित है, शोषित है, लेकिन सरकार उनके घाव पर मरहम लगाने के बजाय नमक छिड़कने का काम कर रही है।”
महतो ने अब तक हुए समझौते और वार्ताओं के क्रियान्वयन न होने पर गंभीर चिंता जताते हुए कहा, “सरकार खुद अभिभावक बनने के बजाय शोषक की भूमिका में दिख रही है। इसी प्रवृत्ति के कारण जनता का राज्य पर से विश्वास उठता जा रहा है।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सहकारी और लघुवित्त पीड़ितों के आँसू और खून से सींचे गए इस संघर्ष को अब ‘अनिश्चित भरोसे’ के सहारे आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। “अब आंदोलन एकीकृत और संगठित रूप में आगे बढ़ेगा,” उन्होंने कहा।
महतो ने आर्थिक न्याय, समानता और वित्तीय शोषण के अंत के लिए संपूर्ण नागरिक समाज, अभियानी समूहों, पीड़ित वर्ग और सभी सरोकारवालों से आंदोलन में एकजुट होने का आह्वान किया।
पिछले दो वर्षों से देश के विभिन्न हिस्सों में सहकारी और वित्तीय संस्थाओं से ठगे गए नागरिक लगातार संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन उनकी मांगों को लेकर सरकार की इच्छाशक्ति अब भी कमजोर दिखाई दे रही है, महतो का यह भी कहना था।