नई दिल्ली: करीब एक दशक पहले मेटा द्वारा किए गए व्हाट्सप्प और इंस्टाग्राम के अधिग्रहण अब मुश्किलें बढ़ा रहे हैं। अमेरिकी फेडरल ट्रेड कमीशन (एफटीसी) ने १५ अप्रैल को मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग से इस डील को लेकर कड़े सवाल किए। हाल ही में, फेडरल कमीशन ने मेटा द्वारा २०१२ और २०१४ में किए गए इंस्टाग्राम और व्हाट्सप्प के अधिग्रहण को अवैध करार दिया था। इस मामले की सुनवाई १५ अप्रैल से ट्रिब्यूनल कोर्ट में शुरू हो चुकी है। अगर फेडरल कमीशन मेटा की इस डील को रद्द कर देता है, तो जुकरबर्ग के हाथ से दो बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स—इंस्टाग्राम और व्हाट्सप्प —निकल सकते हैं।
मार्क जुकरबर्ग ने साफ किया अपना स्टैंड:
सोमवार को ट्रिब्यूनल कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि एक दशक पहले किए गए व्हाट्सप्प और इंस्टाग्राम के अधिग्रहण का उद्देश्य यूजर एक्सपीरियंस को बेहतर बनाना और इनोवेशन को बढ़ावा देना था। उन्होंने बताया कि इस दौरान मेटा के प्लेटफॉर्म्स समय के साथ लगातार बेहतर हुए हैं। जुकरबर्ग का दावा था कि समय के साथ उनका ‘रुचि’ वाला हिस्सा, जो दोस्तों के साथ जुड़ी सामग्री से अलग है, अब ज्यादा विकसित हो गया है। आजकल यूजर्स ग्रुप्स और उनके रुचि वाले क्षेत्रों में ज्यादा सक्रिय हैं। उनका कहना था कि मेटा का मुख्य उद्देश्य हमेशा अपने यूजर्स को दोस्तों और परिवार से जुड़ा रखने का है।
एफटीसी ने लगाए गंभीर आरोप:
एफटीसी के प्रमुख लिटिगेटर डेनियल मेथेसन ने अपनी शुरुआत में मेटा के तीनों प्लेटफॉर्म्स—फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सप्प —को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि इन ऐप्स ने यूजर्स के लिए कोई उचित विकल्प नहीं छोड़ा है। उन्होंने मेटा पर आरोप लगाते हुए कहा कि कंपनी ने इंस्टाग्राम और व्हाट्सप्प का अधिग्रहण केवल इसलिए किया ताकि कोई प्रतिस्पर्धी सामने न आ सके। इसी वजह से एफटीसी इन प्लेटफॉर्म्स को एक व्यक्तिगत सोशल नेटवर्किंग मार्केट के रूप में देखता है, जिसका उद्देश्य यूजर्स को उनके दोस्तों और परिवार से जोड़े रखना है।
एफटीसी और मेटा के बीच कोर्ट में लगभग एक घंटे तक बहस चली, जिसमें एफटीसी ने २०१२ में हुई एक इंटरनल ई-मेल सीरीज़ को पेश करते हुए यह दावा किया कि फेसबुक ने इंस्टाग्राम को अपने प्रतिस्पर्धियों को निष्क्रिय करने के लिए खरीदा। हालांकि, जुकरबर्ग ने इसका जवाब देते हुए कहा कि रेगुलेटर्स ने २०१२ में इंस्टाग्राम और २०१४ में व्हाट्सप्प के अधिग्रहण को मंजूरी दी थी, और पुराने ई-मेल्स के आधार पर एक दशक बाद इस डील को चुनौती देना उचित नहीं है। इस मामले में मार्क जुकरबर्ग को आज, यानी मंगलवार को भी कोर्ट में अपना पक्ष रखना होगा।
बंद होंगे इंस्टाग्राम और व्हाट्सप्प?
अगर एफटीसी इस मामले में अपनी कानूनी लड़ाई जीत जाता है, तो मेटा को इंस्टाग्राम और व्हाट्सप्प को बंद करने के लिए मजबूर किया जा सकता है। इसका मतलब होगा कि इन दोनों प्लेटफॉर्म्स का वर्षों पुराना एकीकरण समाप्त हो सकता है, और मेटा के विज्ञापन मॉडल को बड़ा झटका लग सकता है। गौरतलब है कि २०२५ तक, इंस्टाग्राम के जरिए मेटा को अमेरिकी विज्ञापन राजस्व का आधे से ज्यादा हिस्सा मिलने का अनुमान है। यह ट्रायल मेटा के लिए लगभग आठ सप्ताह तक चल सकता है।