ब्रह्मपुर: ओडिशा के ब्रह्मपुर विश्वविद्यालय की कुलपति गीतांजलि दास से १४ लाख रुपये की ठगी करने के आरोप में गुजरात से दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने बताया कि अभियुक्तों ने खुद को ईडी का अधिकारी बता गीतांजलि दास से संपर्क किया और दावा किया कि वह धनशोधन मामले में संलिप्त हैं। पुलिस ने बताया कि गीतांजलि दास को १४ से २२ फरवरी तक ‘डिजिटल अरेस्ट’ करके रखा गया और जांच के लिए अपनी सारी नकदी जमा करने को कहा गया।
२४ फरवरी को पुलिस के पास दर्ज कराई थी शिकायत:
पुलिस ने बताया कि अभियुक्तों के कहे अनुसार गीतांजलि दास ने 14 लाख रुपये उनके खाते में अंतरित कर दिए। पुलिस ने बताया कि यह आश्वासन देने के बाद अभियुक्तों ने गीतांजलि दास को ८०,००० रुपये लौटा दिये कि सत्यापन के बाद बाकी राशि भी दे दी जायेगी। पुलिस ने बताया कि हालांकि, उन्हें बाकी राशि वापस नहीं की गयी। पुलिस ने बताया कि गीतांजलि दास ने २४ फरवरी को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने पिछले हफ्ते की शुरुआत में गुजरात के भावनगर से दो लोगों को गिरफ्तार किया। पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान भुटैया जेनिल जयसुखभाई (उम्र २३) और विश्वजीत सिंह गोहिल (उम्र २१) के रूप में हुई है।
उसने बताया कि अभियुक्तों को शनिवार को पांच दिन की ट्रांजिट रिमांड पर ब्रह्मपुर लाया गया। पुलिस ने बताया कि उनके पास से मोबाइल फोन और आधार कार्ड सहित कई सामान जब्त किये गये हैं। ब्रह्मपुर के पुलिस अधीक्षक श्रवण विवेक एम. ने कहा कि ये दोनों देश के विभिन्न हिस्सों में कई साइबर अपराधों में शामिल एक गिरोह के सदस्य हैं। उन्होंने कहा, ‘गिरोह के अन्य सदस्यों को गिरफ्तार करने के प्रयास किए जा रहे हैं। पूरे भारत में उनके नेटवर्क और रुपयों के लेन-देन का पता लगाने के लिए जांच जारी है।’