मौलाना को कोर्ट ने सुनाई १८७ साल की सजा

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कन्नूर: केरल से एक बेहद चौंकाने वाली खबर सामने आई है। यहां एक मदरसा शिक्षक को एक नाबालिग छात्रा के साथ यौन शोषण के मामले में १८७ साल की जेल की सजा सुनाई गयी है। यह सजा तालीपरम्बा फास्ट-ट्रैक स्पेशल कोर्ट ने सुनाई है।
दोषी मौलाना का नाम मोहम्मद रफी है और उसकी उम्र ४१साल है। कोर्ट ने पाया कि रफी ने कोविड-१९ महामारी के दौरान १६ साल की एक छात्रा का दो साल से अधिक समय तक यौन शोषण किया। कोर्ट ने कहा कि ऐसे अपराधियों को समाज में रहने का कोई अधिकार नहीं है। न्यायमूर्ति आर राजेश ने मोहम्मद रफी को पॉक्सो एक्ट और आईपीसी की धाराओं के तहत दोषी पाया। कोर्ट ने उस पर १० लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
अलग-अलग धाराओं के तहत कोर्ट ने सुनाई सजा
कोर्ट ने मौलाना मोहम्मद रफी को अलग-अलग अपराधों के लिए अलग-अलग सजा सुनाई है। पॉक्सो एक्ट की धारा ५(टी) के तहत उसे ५० साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई गयी है। यह धारा उन अपराधियों पर लागू होती है, जो बार-बार यौन अपराध करते हैं। आईपीसी की धारा ३७६ (३) के तहत उसे २५ साल की सजा सुनाई गयी है। यह धारा १६ साल से कम उम्र की बच्ची के साथ बलात्कार के लिए है। आईपीसी की धारा ५०६(२) के तहत उसे २ साल की सजा सुनाई गयी है। यह धारा आपराधिक धमकी के लिए है। पॉक्सो एक्ट की धारा ५(१) और ५(एफ) के तहत उसे ३५-३५ साल की सजा सुनाई गयी है। यह धारा शिक्षक जैसे भरोसे के पद पर बैठे व्यक्ति द्वारा बार-बार बलात्कार के लिए है। उसे पेनिट्रेटिव यौन हमले के लिए २० साल और जबरन ओरल सेक्स के लिए २० साल की सजा सुनाई गयी है।
दो साल तक बनाता रहा हवस का शिकार
मामले के अनुसार, मोहम्मद रफी ने मार्च २०२० में लड़की का यौन शोषण करना शुरू किया था। उस समय लड़की १४ साल की थी। यह यौन शोषण २०२१ तक जारी रहा। उसने लड़की को धमकी भी दी कि वह इस बारे में किसी को न बताए। यह घटना तब सामने आई जब लड़की के माता-पिता ने उसके व्यवहार में बदलाव देखा और उसे पढ़ाई में ध्यान देने में परेशानी हो रही थी। इसके बाद, वे उसे एक काउंसलिंग सेंटर ले गए जहां उसने यौन शोषण के बारे में बताया।

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