पैरालिसिस व्यक्ति की भी चली गई नौकरी

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परिवार अब बड़े परिष्कृत में

कोलकाता: २६,००० नौकरी गंवाने वालों के सामने दुखों का पहाड़ टूट गया है। उनके परिवार के सामने अंधेरा छाया हुआ है। भले ही राज्य सरकार की तरफ से एक के बाद एक आश्वासन मिल रहा है मगर जब तक ठोस कुछ नहीं हो जाता है, तब तक
जीवन उनके लिए कष्टकारी है। देंखे तो हर परिवार की ही अपनी अपनी परेशानियां है लेकिन जो बीमारी से पीड़ित हैं उनका कष्ट शब्दों में बयान नही किया जा सकता है।
सोमवार को नेताजी इंडोर स्टेडियम में सीएम के कार्यक्रम में शिक्षकों के साथ ही गैर शिक्षक कर्मचारी भी पहुंचे थे। एक महिला रूपाली भुइयां खड़गपुर से अपने पति सरोज भुइयां के साथ आयी थी। महिला ने बताया कि उसके पति स्कूल में नॉन टीचिंग स्टाफ है। कलाइकुंडा के पास स्कूल में ग्रुप डी कर्मचारी हैं। कोर्ट के फैसले के बाद उनके पति की भी नौकरी चली गयी। महिला ने कहा कि उसके पति को पैरालाइसिस है उपर से नौकरी भी चली गयी है। घर परिवार में क्या होगा यह समझ में नहीं आ रहा है। बेटा के प्रथम वर्ष की पढ़ाई चल रही है। सामने सिर्फ अंधकार ही अंधकार लग रहा है। पति का रोज फीजियाथेरेपी होता है। बेटा का भविष्य है। महिला ने कहा कि हमारे सामने दुखों का पहाड़ टूट गया है। आगे क्या होगा कुछ समझ में नहीं आ रहा है।

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