उदलाबाड़ी पर्यावरण प्रेमी संस्था नेचर एंड एडवेंचर संस्था के छह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल पश्चिम बंगाल की सबसे ऊंची चोटी पर ट्रैकिंग के लिए गये थे। नेचर एंड एडवेंचर संस्था का ६ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल संदकफू की छोटी पर सफलतापूर्वक ट्रैकिंग करके उदलाबाड़ी लौट आये है।
संदकफू पश्चिम बंगाल की सबसे ऊंची चोटी है, जिसकी ऊंचाई ३,६३६ मीटर (११,९३० फीट) है। पश्चिम बंगाल-नेपाल सीमा पर, दार्जिलिंग में सिंगालीला राष्ट्रीय उद्यान के किनारे स्थित यह चोटी, सिंगालीला पहाड़ियों का सबसे ऊँचा स्थान है। दुनिया की पांच सबसे ऊंची चोटियों में से चार- एवरेस्ट, कंचनजंगा, ल्होत्से और मकालू – के बाद संदकफू को माना जाता है।
संदकफू उन लोगों के लिए स्वर्ग है जो बहुत अच्छे ट्रेकर्स नहीं हैं लेकिन पहाड़ों से प्यार करते हैं। शायद इसीलिए संदकफू को ट्रेकर्स का स्वर्ग कहा जाता है। यदि आप शारीरिक रूप से स्वस्थ हैं तो पैदल चलना सबसे अच्छा है क्योंकि इससे आप संदकफू ट्रेक की सम्पूर्ण सुंदरता का आनंद ले सकते हैं। भले ही आपको थोड़ा कष्ट हो, आपको हजार गुना अधिक आनंद मिलेगा।
पर्यावरण संगठन के छह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल यह दल १० मार्च को उदलाबाड़ी से संदकफू के लिए रवाना हुआ था।

आशिक अली के नेतृत्व में इस दल में साठ वर्षीय हैदर अली, उदय बैरागी, अरुणिमा मित्रा, प्रियंका मंडल और विदिशा बिस्वास शामिल थे। ट्रैकिंग दल ने प्रतिकूल पहाड़ी मौसम में मानेभंजन से ट्रैकिंग शुरू की, जो तुमलिंग, कालीपोखरी से होते हुए समुद्र तल से ३६३६ मीटर ऊपर संदकफू होते हुए फालुट और गोरके पहुंचा। मंगलवार शाम को नैस के तरफ से उदलाबाड़ी के सफल ट्रेकर्स को सम्मानित किया।