बंगाल में शहरीकरण और सूचना प्रौद्योगिकी का तेजी से हो रहा प्रगति मैं बढ़ेगी बिजली की मांग

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कोलकाता: पश्चिम बंगाल में तेजी से शहरीकरण और सूचना प्रौद्योगिकी का विस्ता हो रहा है। इसे देखते हुए विशेषज्ञ मान रहे हैं कि अगले दशक तक पश्चिम बंगाल में बिजली की मांग कई गुना अधिक बढ़ जाएगी। भविष्य की मांग और लक्ष्य को देखते हुए पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने पहल शुरू कर दी है। शालबनी में थर्मल पावर प्रोजेक्ट की शुरूआत इसकी पहली कड़ी है। बताया जा रहा है कि अगले चार साल में इस थर्मल पावर प्रोजेक्ट से बिजली का उत्पादन इतना होगा जिससे बंगाल की मांग पूरी की जा सकती है।
बंगाल सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग १२ के किनारे सुजापुर क्लस्टर जैसे नए शहरी क्षेत्र विकसित हो रहे हैं। राज्य की जनसंख्या और वाणिज्यिक गतिविधियों को देखते हुए बंगाल सरकार ने बिजली के क्षेत्र में काम करना शुरू कर दिया है। अधिकारी के मुताबिक, पश्चिम बंगाल की जनसंख्या बढ़ने के साथ ही लोगों का शहरों की ओर पलायन का रुझान भी बढ़ रहा है, जो शहरीकरण का एक महत्वपूर्ण कारक है। शहरों में बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और रोजगार के अवसरों के कारण ग्रामीण क्षेत्रों से लोगों के शहरों की ओर जाने का रुझान बढ़ा है। स्वभाविक है कि शहरों में बिजली की मांग भी दिन प्रतिदिन बढ़ रही है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को प्रोजेक्ट का शिलान्यास करते हुए घोषणा की है कि शालबनी थर्मल पावर प्रोजेक्ट से बंगाल के २३ जिल्लाें के लोग लाभांवित होंगे।

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