आमिर खान मुत्ताक़ी प्रेस कांफ्रेंस: महिला पत्रकारों पर पाबंदी से टीएमसी नाराज
कोलकाता: अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुताक्की की दिल्ली में हुई प्रेस वार्ता को लेकर मोदी सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गयी है। आरोप है कि राष्ट्रीय राजधानी नयी दिल्ली में आयोजित इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसी भी महिला पत्रकार को प्रवेश की अनुमति नहीं दी गयी। वजह थी तालिबान की कथित ‘महिला विरोधी’ शर्तें। इस घटना को लेकर विपक्षी दलों, विशेषकर तृणमूल कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
सांसद महुआ मोइत्रा ने इसे ‘मेल ओनली प्रेस कॉन्फ्रेंस’ कहकर सरकार पर कटाक्ष किया। उन्होंने सवाल उठाया कि भारत सरकार ने तालिबानी प्रोटोकॉल क्यों स्वीकार किया। टीएमसी सांसद सागरिका घोष ने इस कदम को शर्मनाक और अस्वीकार्य बताया, वहीं साकेत गोखले ने विदेश मंत्रालय को ‘डरा हुआ’ करार दिया। उन्होंने कहा कि भारत अपने ही देश में तालिबानी सोच के सामने झुक गया।

टीएमसी सांसद सुष्मिता देव ने भी इस घटना की निंदा की और कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की महिलाओं के समर्थन में खुलकर नहीं बोल सकते, तब उनके ‘नारी शक्ति’ के नारे खोखले लगते हैं। विपक्ष की मांग है कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर को महिला पत्रकारों से माफी मांगनी चाहिए। यह मामला न केवल महिला अधिकारों, बल्कि भारत की विदेश नीति की साख पर भी सवाल खड़े करता है।









